अमृतसर: राजधानी दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले चार महीनों से जारी है। दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिलने पर किसान सीमाओं पर ही डेरा डाले हुए हैं। साथ ही सरकार से साफ कर दिया है कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के समर्थन में पंजाब के अमृतसर में भी 169 दिनों से प्रदर्शन जारी था, जिसको अब विभिन्न संगठनों ने खत्म करने का फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक नए कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर में किसान पटरियों पर बैठकर 169 दिनों से धरना दे रहे थे। जिस वजह से बड़ी संख्या में ट्रेनें रद्द हुईं। ट्रेनों का संचालन ठप होने से व्यापारियों के साथ किसानों को भी काफी नुकसान हो रहा था। ऐसे में किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया। इसके बाद जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन पर ट्रेन सेवा फिर से बहाल हो गई। इसका सीधा असर दिल्ली-अमृतसर रूट पर पड़ेगा, जहां अब पहले की तरह रेल यातायात सुचारू हो गया है।
रेलवे के मुताबिक प्रदर्शन की वजह से दिल्ली-अमृतसर सीधे रूट पर चलने वाली ट्रेनों पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा था। इसके लिए उन्होंने कुछ वैकल्पिक ट्रेनें चलाईं, जो तरन-तारन होकर अमृतसर पहुंचती थीं, लेकिन यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। वहीं माल ढुलाई भी 5 महीनों से प्रभावित थी। जिससे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। इन सब से हटकर स्टेशन पर दुकान चलाने वालों और कुलियों में भी खुशी की लहर है। उनके मुताबिक ट्रेनें बंद होने की वजह से पिछले 6 महीनों से उनके सामने आर्थिक दिक्कत खड़ी हो गई थी। अब ट्रेनों का संचालन शुरू होने से उनकी कमाई का जरिया फिर से लौट आया है।
26 मार्च को भारत बंद
किसानों ने आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं 15 मार्च को किसान संगठन ट्रेड यूनियन के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ोतरी का भी विरोध करेंगे। इससे पहले 6 मार्च को आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम किया था।