पटियाला/लुधियाना: पंजाब में शुक्रवार को पराली जलाने के रिकार्ड मामलों के साथ प्रदूषण भी खराब स्तर पर पहुंच गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामले ज्यादा सामने आए हैं। पिछले साल 4 नवंबर तक पराली जलाने के 23,465 मामले सामने आए थे। इस वर्ष चार नवंबर तक 26,583 मामले सामने आए हैं जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 3118 ज्यादा हैं।
सबसे ज्यादा मामले सीएम के जिले से संबंधित
राज्य का एक्यूआइ खराब कैटेगरी में चल रहा है। राज्य में शुक्रवार को पराली जलाने के कुल 2437 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 471 मामले सीएम के जिला संगरूर से संबंधित हैं। इसके अलावा बठिंडा में 258, बरनाला 267, फिरोजपुर 242, मानसा 205, मोगा 180, पटियाला 168, मुक्तसर 155, फिरोजपुर 269, फरीदकोट 130, तरनतारन 103 और लुधियाना में 119 जगह पराली जलाई गई है।
सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं हकीकत से दूर
इस साल राज्य के हर शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। शुक्रवार को लुधियाना का एक्यूआइ सबसे अधिक 300 रहा। किसान अजमेर सिंह ने कहा कि पराली न जलाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं हकीकत से कोसों दूर हैं, इसलिए यह ग्राउंड स्तर पर लागू नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि बड़े किसान तो पराली के निस्तारण के लिए मशीनें खरीद सकते हैं। छोटे किसान इन महंगी मशीनों को खरीदने में असमर्थ हैं। ऐसे में वह अगर सरकार से मशीने मुहैया करवाने का आग्रह करते हैं तो उन्हें कई-कई हफ्ते नहीं मिलती। अगली फसल की बुवाई में देरी के कारण अब मजबूरन पराली जलानी पड़ रही है।
हवा खराब, एक्यूआइ में आया बड़ा अंतर
- शहर…………………4 नवंबर 2021……………….4 नवंबर 2022
- लुधियाना…………….209……………………………300
- मंडी गोविंदगढ़……..132……………………………273
- अमृतसर…………….243……………………………236
- जालंधर………………202……………………………227
- बठिंडा……………….126……………………………220