चीफ जस्टिस रवि शंकर एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिए संज्ञान पर सुनवाई करते पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर यह जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए सभी देश के सभी हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान ले संबंधीत सरकारों से यह जानकारी मांगे जाने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट से यह आग्रह किया था कि वह इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए इस विषय को जनहित याचिका के तौर पर सुने और राज्य सरकारों से उनके राज्य की पुलिस में अधिकारियों और कर्मियों के खाली पड़े पदों के बारे में जानकारी मांगें और उनसे पूछें कि इन खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए सरकार क्या कदम उठा रही हैं।
राज्यों में पुलिस बलों में कर्मियों के खाली पड़े पदों का प्रभाव सीधे तौर पर राज्य के कानून व्यवस्था की स्थिति पर पड़ता है। कर्मियों की कमी के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर वर्ष 2013 में यह याचिका दायर की गई थी। इस याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में निपटारा कर दिया था, लेकिन देश के अन्य राज्यों की पुलिस के बारे में संबंधित हाई कोर्ट को संज्ञान ले जनहित याचिका के तौर पर सुने जाने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट के इन्हीं आदेशों पर हाई कोर्ट ने अप्रैल 2019 में संज्ञान ले पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर यह जानकारी मांगी थी, लेकिन कोरोना के के चलते इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो पायी थी, अब हाई कोर्ट ने फिर इस मामले में सुनवाई करते हुए मामले में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जवाब दायर करने के आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है।