चिकित्सा आपके द्वार कार्यक्रम में एक्युप्रेशर चिकित्सा शामिल : अश्विनी
पटना (आससे)। एक्युप्रेशर पौराणिक एवं अत्यन्त प्रभावशाली चिकित्सा पद्घति है। रक्त संचरण ठीक करने तथा अन्त:स्रावी ग्रन्थियों के कार्यों को संतुलित करने में सक्षम है। कोरोना में भी अत्यन्त कारगर है। फेफड़ा के कार्य को संतुलित कर रक्त का थक्का भी नहीं बनने में मदद करता है, इमरजेन्सी में भी कारगर है ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल भी बढ़ाने में एक्युप्रेशर चिकित्सा बेहद कारगर है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है ये बातें एक्युप्रेशर दिवस के अवसर पर बिहार एक्युप्रेशर योग कालेज, पटना, इण्डियन काउन्सिल ऑफ एक्युप्रेशर योग एवं स्वास्थ्य जागरूकता मिशन के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय एक्युप्रेशर वेबिनार में अध्यक्षता करते हुए एक्युप्रेशर महागुरु डा. सर्वदेव प्रसाद गुप्त ने कहीं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि एक्युप्रेशर चिकित्सा कोरोना में अत्यन्त प्रभावी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार, कार्यक्रम में बिहार एक्युप्रेशर योग कालेज के चिकित्सकों द्वारा सेवा की जा रही है। उन्होंने एक नारा भी दिया एक्युप्रेशर अपनाना है, कोरोना दूर भगाना है।
बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एक्युप्रेशर पौराणिक चिकित्सा पद्घति है, इसे अपना कर स्वस्थ रह सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने बताया कि गांव-गांव तक एक्युप्रेशर चिकित्सा का प्रसार होना चाहिए। राज्यपाल सिक्किम गंगा प्रसाद ने बताया कि यह हानिरहित प्रभावशाली चिकित्सा है। इसका उपयोग कर सभी रोग से बचाव एवं उपचार किया जा सकता है। मैं स्वयं इसका उपयोग करता हूं।
वेबिनार संयोजक डा. अजय प्रकाश ने बताया कि एक्युप्रेशर चिकित्सा को जीवन में ढालने की आवश्यकता है। इसके उपयोग से सभी तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार, राम लषण राम रमण, पूर्व सिविल सर्जन डा. लक्ष्मण प्रसाद, डा. अनिता सिन्हा, डा. पंकज कुमार, डा. एस सुमन, डा. रेखा रानी मेहता आदि ने वेबिनार को संबोधित किया।
एक्युप्रेशर जनक डा. चन्द्रमा प्रसाद गुप्त की १००वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित वेबिनार में १६ राज्यों के २०० एक्युप्रेशर चिकित्सकों ने भाग लिया तथा शोध पत्र प्रस्तुत किया। शाम्भवी, प्रकाश, डा. गीता कुमारी, सर्व प्रकाश, डा. वीणा प्रकाश, आदित्य, श्रुति, शिशुपाल कुमार, सुमन, डा. अभिषेक कुमार, जितेन्द्र, पूनम पाठक, रीमा आदि का सहयोग सराहनीय रहा।