(आज समाचार सेवा)
पटना। विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि हमें कार्य संचालन नियमावली और आचार संहिता का अनुसरण कर बेहतर आचरण प्रस्तुत करना है। बिहार को आत्म निर्भर और विकास के पथ पर ले चलने का हम सभी संकल्प लें। श्री सिन्हा अध्यक्षीय भाषण दगे रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस सदन में १०५ नये सदस्य निर्वाचित होकर आये हैं। सभी सदस्यों को कार्य संचालन नियमावली की पुस्तक दी गयी है। उसे वे पढ़ें होंगे और उसे समझे होंगे। सदन के सुव्यवस्थित संचालन की जिम्मेंवारी आप सबों में मुझे दी है। जिसका निर्वहन मैं नियमावली और परंपरा के अनुरूप करुंगा।
नये सदस्य कार्य संचालन नियमावली को आत्मसात कर अपने आचरण को प्रदर्शित करेंगे। यह सदन देश के सभी सदनों को एक नयी राह दिखा सके। सदन सार्थक विमर्श के लिए है और विमर्श तभी संभव है जब हम सभी अपने लिए एक आचार संहिता, मर्यादा की एक लक्ष्मण रेखा बना लें। यहां बोलते भलें ही हो, लेकिन यह आवाज हमारी नहीं बल्कि हमारे माध्यम से सरकार को सुनाती है।
इसलिए हम सबों को सार्थक विमर्श करना चाहिए और यही एक माध्यम है जिससे जनता की आकंक्षाओं को हम सब मिल कर पूरा कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों के समक्ष बड़ी चुनौती है कि कैसे इस राज्य को विकास के पथ पर देश के अन्य राज्यों से आगे ले जायें। इस राज्य के हरेक परिवार को कैसे हम प्रोत्साहित करें, कैसे जोड़ें कि हर परिवार अपने को राज्य के शासन संचालन में भागीदार समझें।
विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि सत्र में विधायी और वित्तीय कार्यों का निष्पादन संवैधानिक प्रावधानों के तहत करना है। इसके लिए सदन का माहौल शांतिपूर्ण एवं सुखद बनाना हम सबकी जिम्मेवारी है। इस सदन रूप फुलवारी में हम सब अलग-अलग रंगों और खुशबु के फूलों की तरह हैं, जिसकी महक से नाकरात्मक शक्तियां आशा और उम्मीद तथा विश्वास के रथ पर सवार होकर सकारात्मकता के रुप में परिवर्तित होकर जीवन को सरल एवं सुलभ बनायेंगी।
उन्होंने कहा कि यह सत्र बिहार को अगले एक साल तक के लिए विकास के पथ पर ले जाने वाला सत्र साबित हो, सबके विश्वास पर खड़ा उतरने वाला सत्र साबित हो। बिहार की करोड़ो जनता की भलाई केे लिए याद किये जाने वाला हो यह हमारी कामना है।