पटना (आससे)। जीविका दीदियों को तालाब (जलाशय) पांच वर्षों के लिए आवंटित किए जाएंगे। पांच वर्षों तक तालाबों के रख-रखाव और उनके प्रबंधन का आकलन किया जाएगा। अगर कार्य संतोषजनक रहा तो फिर से आगे के पांच सालों के लिए आवंटन का नवीनीकरण किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग ने जलाशयों का रख-रखाव दीदियों को दिये जाने को लेकर आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 12 जनवरी को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई थी।
विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नये और विकसित कराये जा रहे सार्वजनिक जलाशयों का सतत रख-रखाव एवं प्रबंधन जीविका दीदियों से कराया जाना है। निजी भूमि में अवस्थित और अन्य विभागीय जलाशय, जिनका बंदोबस्त किया जाता है, उनको छोडक़र अन्य का रख-रखाव दीदियों को दिया जाएगा।
बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) की अनुशंसा पर जिलाधिकारियों द्वारा जलाशयों का नि:शुल्क आवंटन और नवीनीकरण किया जाएगा। जलाशयों का उपयोग आमदनी के लिए मछली पालन, बत्तख पालन, समेकित कृषि, पार्क एवं पर्यटन आदि में दीदियां कर सकेंगी। मछली पालन आदि को लेकर दीदियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि जलाशयों के आवंटन प्रक्रिया आदि को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के परामर्श से विस्तृत दिशा-निर्देश ग्रामीण विकास विभाग जारी करेगा। इस दिशा-निर्देश का पूरा पालन करना अनिवार्य होगा, अन्यथा आवंटन को रद कर दिया जाएगा। जलाशयों का आवंटन अथवा हस्तांतरण किसी निजी व्यक्ति अथवा संस्था को नहीं किया जाएगा।
राज्य में जल संचयन को बढ़ावा देने, भू-गर्भ जल स्तर को बरकरार रखने और स्थानीय महिलाओं की आय में वृद्धि करने के मकसद से उक्त निर्णय लिया गया है। तालाबों और आहर-पइन के जीर्णोद्धार कार्य चल रहे हैं। साथ-ही-साथ नये तालाबों का सृजन करने का भी निर्देश दिया गया है। इनका बेहतर रख-रखाव सुनिश्चत करने के लिए जीविका दीदियों को जिम्मा दिया जा रहा है, ताकि सालोंभर तालाबों सहित सभी जलाशयों में पानी रहे।