- अपने स्कूल के पांचवीं कक्षा की 11 वर्षीय छात्रा को बनाया था हवस का शिकार, टीचर को आजीवन कारावास
- पटना की विशेष अदालत ने पाक्सो एक्ट में पहली बार दिया फांसी का फैसला
(आज अदालत समाचार)
पटना। पाक्सो ऐक्ट के विशेष जज अवधेश कुमार को अदालत ने पाक्सो ऐक्ट के तहत ऐतिहासिक फैसला देते हुए नीजी स्कूल न्यू सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल फुलवारी शरीफ के प्रिंसिपल अरविन्द कुमार पुत्र बैद्यनाथ सिंह निवासी बिस्कुट फैक्टरी, सबजपुरा, थाना-फुलवारी को धारा ३७६ (डी.बी.) में फांसी की सजा दिया। बलात्कार में सहयोग करने के मामले में अदालत ने स्कूल के ही शिक्षक अभिशेष कुमार पुत्र सुरेन्द्र कुमार निवासी शिवनारायण चौक, मित्रमण्डल कोलोनी फुलवारी शरीफ को आजीवन कारावास को सजा दिया।
मामले के विशेष लोक अभियोजक सुरेश चन्द्र ने बताया कि पीडि़ता बलत्कारी स्कूल के पांचवी की छात्रा थी तथा ११ वर्षीय छात्रा को आरोपी प्रिंसिपल एक माह से स्कूल स्थित अपने नीजी कक्ष में किसी न किसी बहाने टयूशन पढ़ाने के बहाने बुलाकर लगभग ६-७ बार बलात्कार किया। पीडि़ता ने अपने १६४ के बयान बताया है कि आरोपी बलात्कार के बाद चाकू से जान मारने की धमकी, बलात्कार का विडियो बनाकर ब्लैंक मेल करने को धमकी, भाई को जान मारने की धमकी तथा बड़ी बहन के साथ जबरन करने की धमकी देकर उसके साथ एक माह तक लगातार बलात्कार किया। मामले में विशेष लोक अभियोजक ने कुल ६ गवाहो से गवाही करवायी। तथा अदालत ने प्रिंसिपल अभियुक्त अरविन्द कुमार को धारा ३७६ (डी.बी.) व धारा ६ पाक्सो ऐक्ट में फांसी व एक लाख का जुर्माना, वही दूसरे अभियुक्त अभिशेष कुमार को आजीवन कारावास व ५० हजार के जुर्माना की सजा सुनाया।
गर्भवती होने के बाद हुआ खुलासा
फुलवारी शरीफ। वर्ष 2018के पटना के फुलवारीशरीफ के मित्र मंडल कॉलोनी के जिस स्कूल में पांचवी की छात्रा के साथ स्कूल संचालक द्वारा डरा धमका कर रेप की घटना को अंजाम दिया गया था उस स्कूल के संचालक अरविंद कुमार उर्फ राज सिंघानिया को अदालत ने फांसी यानी मौत की सजा सुनाई है। इस खबर के फुलवारी शरीफ में पहुंचने पर इलाके में लोगों में हर्ष का माहौल रहा।
अविभावकों में इस मामले में कुकर्मी स्कूल प्रिंसिपल को मौत की सजा सुनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया आयी है। कई अविबावको ने बताया कि लोग अपने बच्चों का भविष्य संवारने और अच्छे संस्कार के लिए स्कूल भेजते है लेकिन जहा ऐसे कुकर्मी स्कूल चलाने वाले और पढ़ाने वाले लोग शिक्षक की भूमिका में शैतान बनकर शोषण करते हैं उन्हें ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए।
जानकारी के अनुसार स्कूल संचालक को फांसी की सजा सुनायी गई है उसका परिवार आज भी फुलवारी में सबजपुरा के पास बिस्कुट फैक्ट्री के सामने वाले इलाके में रहता है। पटना के पॉस्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने सोमवार को दुष्कर्म के एक बड़े मामले में प्राइवेट स्कूल संचालक सह प्राचार्य राज सिंहानिया उर्फ अरविंद कुमार को फांसी की सजा सुनायी है। साथ ही एक लाख रुपये जुर्माने की सजा दी गयी है।
वर्ष 2018 में जिस स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ प्रिंसिपल सह स्कूल संचालक अपने एक स्टाफ के साथ मिलकर कई माहीनो तक रेप करता चला आ रहा था उस स्कूल में मामला सामने आने के बाद लोगो ने आग लगा दिया था। अब जब रेप के मामले में स्कूल संचालक को फांसी की सजा सुनाई गई है तब लोगो मे चर्चा शुरू हो गयी कि जैसी कुकर्म की घटना को स्कूल प्रिंसिपल ने अंजाम दिया था उसमें उसे मौत की सजा देकर अदालत ने बड़ा सबक देने का काम किया है।
बता दें मि स्कूल संचालक सह प्रिंसिपल ने कई दूसरे छात्राओ के साथ भी कुकर्म करने का प्रयास किया था। स्कूल में पांचवीं की छात्रा के साथ पिछले 9 महीने से स्कूल संचालक सह प्रिंसिपल और उसका अकाउंटेंट रेप कर रहे थे। उसका खुलासा उस बच्ची को दो माह का गर्भ ठहरने के बाद हुआ था जिसके बाद लडक़ी के परिवार वाले सन्न रह गए थे।
इस घिनौने घटना के सामने आने के बाद पीडि़ता की मां ने मामला फुलवारीशरीफ थाना में दर्ज कराया था। दोनों आरोपियों प्रिंसिपल राज सिंघानिया और स्टाफ सह टीचर अभिषेक की गिरफ्तारी होने के बाद से ही स्कूल को बंद करा दिया गया था। उसके बावजूद उस स्कूल में कई सबूतों को मिटाने के लिए आग लगा दी गयी थी। हालांकि इस मामले में मौत की सजा आने के बाद साफ हो गया कि चाहे जितना भी बचने की कोशिशें की गई उसका कोई फायदा नही मिला।
आगजनी के बाद यह बातें खुलकर आयी थी कि रेपिस्ट स्कूल संचालक के परिवार वालों ने ही आगजनी किया था। इस मामले में गौर करने वाली बात यह भी है की रेप के मामले में मौत को सजा पाने वाले राज सिंघानिया का बचपना भी फुलवारी शरीफ थाना कैम्पस में ही बीता था। उसके चाचा नन्दलाल यादव फुलवारी शरीफ थाना में वर्षो पूर्व अस्सी नब्बे के दशक में दरोगा थे। बलात्कारी राज सिंघानिया ने फुलवारी शरीफ में ही स्कूली शिक्षा हासिल किया था और फिर मित्र मंडल कॉलोनी इलाके में अपना विद्यालय खोल रखा था।
रेप के इस मामले में खुलासा हुआ था कि राज सिंघानिया ने छात्रा को उसके परिवार वालो को जान से मार देने का धमकी देकर लागतार रेप करता था। इस मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज हो जाने के बाद स्कूल में आगजनी को पुलिस अधिकारियो ने काफी गंभीरता से लिया था। रेप की इस घटना में स्पीडी ट्रायल चला कर आरोपियों को सजा दिलाने की बात भी कही गयी थी। महज दो सालों में ही रेप की घटना में मौत की सजा तो अदालत ने सुना दिया है लेकिन जिस तरह से वारदात के सामने आने के बाद उस स्कूल में आग लगाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी उसकी जांच औऱ उसमे शामिल लोगों के खिलाफ भी कड़ी करवाई की आवाज उठने लगी है।
बता दें की स्कूल में जिस नाबालिग छात्रा के साथ कुकर्म हुआ था उसका परिवार भी मित्रमंडल कॉलोनी के पास ही किराये में रहता था। मामला दर्ज हो जाने और गिरफ्तारी के बाद केस उठाने औऱ बुरे अंजाम देने समेत मैनेज करने की बातें भी सामने आई थी। हालांकि यह पता नही चल पाया है कि अब पीडि़ता का परीवार कहाँ रहता है औऱ अदालत के इस फैसले पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है।