पटना

बिहार में 20 हजार नर्सो की होगी बहाली : स्वास्थ्य मंत्री


(आज समाचार सेवा)

पटना। विधान परिषद में विभागीय आय व्यय पर सरकार की तरफ से जवाब दे रहे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कई विकास कार्य किये जा रहे है। पिछले तीन साल में 29 हजार स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गयी। अभी 89 सौ नर्स की नियुक्ति का कार्य चल रहा है। एक माह के अंदर इन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा 10 हजार 500 नियमित नर्सो की नियुक्ति भी की जाएगी। इसी तरह साल के अंत तक 20 हजार नर्स की बहाली सरकार करेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-25 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय 2 के अंतर्गत गांव गांव तक लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर सुविधा के लिए हम संकल्पित है। कोरोना काल के दौरान सूबे में जांच की समस्या हो रही थी इसे देखते हुए  राज्य में 39 सरकारी तथा 29 निजी आरटीपीसीआर लैब की शुरुआत की गयी है जो कार्यरत है। पूर्व में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूने नयी दिल्ली तथा भुवनेश्वर के लैब के माध्यम से करायी जा रही थी लेकिन अब आईजीआईएमएस पटना के द्वारा वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन के कारण कई लोगों को विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ा था। इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों से लेकर जिला अस्पताल तक विभिन्न क्षमता के कुल 122 पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट अधिष्ठापित किये गये हैं। इन संयंत्रों से अभी 488 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली गयी है।

कोविड के चिकिस्कीय प्रबंधन के लिए सभी जिलों में 95 प्रकार की अनिवार्य औषधियों की निरंतर उपलब्धता बनायी गयी है। राज्य में 1389 वेंटीलेटर विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में अधिष्ठापित किये गये है। साथ ही 1492 बाइपैप मशीन भी उपलब्ध करायए गए हैं। कोविड की तीसरी लहर के दौरान होम आइसोलशन में रहने वाले 20 हजार 900 मरीजों को डाक विभाग द्वारा होम आइसोलेशन मेडिकल किट उपलब्ध कराया गया है।

वहीं टीकाकरण के बारे में बताया कि अब तक करीब साढ़े बारह करोड़ लोगों को कोविड टीकाकरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 101 मृतक के निकटतम परिजनों का 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गयी है। जिसमें 51 डॉक्टर, 7 आशा कार्यकर्ता, 5 आउटसोर्स स्टाफ तथा 15 पारा मेडिकल कर्मी तथा 23 प्रबंधकीय पदाधिकारी व कर्मी शामिल है। सूबे में पहली बार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इसके लिए कुलपति सहित विभिन्न स्तर के 32 पदों का सृजन किया जा चुका है।

राज्य की जनता को विशिष्ट चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत राजेन्द्रनगर नेत्र असपताल पटना, लोकनायक जय प्रकाश नगर अस्पताल राजवंशी नगर, मानसिक आरोग्यशाला तथा इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को अतिविशिष्ट अस्सपताल के रुप में स्वायतता प्रदान करने के लिए स्वायत सोसयटी का गठन किया गया है। मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में एक एक डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गयी है। यह सेवा नि:शुल्क है। जनमानस को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तथा सेवा प्रदान करने के लिए 2518 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना की गयी है।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य के 19 हजार 500 एएनएम को एएनएम किट दिया गया है जिसमें उपचार के लिए दस उपयोगी उपकरण दिया गया है।15 वें वित आयोग द्वारा बिहार राज्य के लिए 100 प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान के रुप में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के लिए 6017 करोड़ रूपए उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आधारभूत संरचना विस्तार के तहत राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ 5-5 स्वास्थ्य उपकेन्द्र तथा 136 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण का निर्णय लिया गया है। बाल हृदय योजना के तहत इस वितीय वर्ष में 290 बच्चों का सफल ईलाज इस क्षेत्र के उच्च प्रतिष्ठित प्रशान्ति मेडिकल एवं रिसर्च फाउंडेशन राजकोट के साथ किया गया है।

मातृ मृत्यु अनुपात में कमी लाने के लिए सरकार प्रतिबद्घ है। मृत्यु दर 312 से घटकर 130 हो गया है। इसके साथ ही पांच साल से कम उम्र के बच्चों का मृत्यु दर घटकर 34 हो गया। शिशु मृत्यु दर घटकर 29 हो गया है। आने वाले दिनों में राष्ट्रीय उच्च पथ पर 10 नए ट्रामा सेंटर की स्थापना की जाएगी। राज्य में कैंसर के मरीजों के ईलाज की समुचित व्यवस्था एवं आधारभूत संरचना सुदृढ़ करने के लिए बिहार कैंसर केयर फाउंडेशन की स्थापना की गयी है। राज्य के मोतिहारी एवं मुंगेर में 150 एमबीबीएस नामांकन क्षमता के दो नए चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।