पटना

‘सुनंदिनी’ से बिहार ने फिर रचा इतिहास


      • आंगनबाडिय़ों के शिक्षक-कर्मियों के कौशल विकास की योजना
      • वर्तमान वित्तीय वर्ष में होगा कार्यक्रम का विस्तार

डॉ. लक्षमीकान्त सजल-

पटना। शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ कर बिहार ने एक बार फिर इतिहास रचा है। देश में बिहार पहला राज्य है, जिसने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनबाडिय़ों के शिक्षक-कर्मियों के लिए ‘सुनन्दिनी’  कार्यक्रम शुरू किया है। इसे चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में और विस्तार दिया जायेगा।

यह कार्यक्रम बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड ने शुरू किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत आंगनबाडिय़ों के शिक्षक-कर्मियों के कौशल विकास के लिए ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ (ईसीसीई) में डिप्लोमा-डिग्री का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए बोर्ड ने समेकित बाल विकास परियोजना के साथ समन्वय बना कर एक बिहार संदर्भित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।

इसका जिक्र करते हुए शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में संभवत: बिहार पहला राज्य होगा, जिसने सुनन्दिनी कार्यक्रम बनाया है। इस कार्यक्रम के तहत ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा’ (ईसीसीई) में डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक वर्ष एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम छह माह का है। इसमें 1,42,243 शिक्षार्थियों का नामांकन लिया गया। पहले चरण में 30 हजार एवं दूसरे चरण में 30 हजार नामांकित शिक्षार्थियों का स्वअधिगम सामग्री (सेल्फ लर्निंग मैटेरियल) का वितरण समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालयों में किया जा चुका है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रथम चरण में नामांकित 30 हजार शिक्षार्थियों का उन्मुखीकरण किया जा चुका।

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ कर बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड द्वारा अमीन भी तैयार किये जा रहे हैं। अमीन तैयार करने के लिए बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। बोर्ड ने अपने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम दिया है- अमानत। यह प्रशिक्षण अध्ययन केंद्र एवं उच्च तकनीकी संस्थान के साथ-साथ वास्तविक कार्यालय (अंचलाधिकारी कार्यालय) द्वारा छह माह में देने की व्यवस्था की गयी है। तत्पश्चात परीक्षा के आधार पर प्रमाण पत्र दिये जायेंगे। इस पाठ्यक्रम के लिए बोर्ड द्वारा 18 अध्ययन केंद्रों का चयन किया गया है। अमीन बनने वालों का प्रशिक्षण चल रहा है।