पटना

पटना: राज्य में निषेधाज्ञा लागू, गृह विभाग ने जारी किये सख्त निर्देश


पटना (आससे)। राज्य के गृह विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 29 अप्रैल से 15 मई 2021 तक सरकारी एवं गैरसरकारी 25 प्रतिशत उपस्थिति तक कार्य करेंगे। सभी कर्मियों को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने के लिए पे्ररित किया जायेगा। साथ ही सभी सरकारी-गैरसरकारी कार्यालय अपराह्न 4 बजे बंद हो जायेंगे। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के बारे में दिये गये पूर्व के निर्देश का सख्ती से पालन जिला पदाधिकारी करेंगे और उसका प्रचार-प्रसार भी करायेंगे।

इसके अतिरिक्त निम्रानुसार अग्रतर काररवाई संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को करना होगा। राज्य सरकार कोविड से मरे हुए सभी व्यक्तियों (इसमें कोविड टेस्ट में निगेटिव परन्तु कोविड के लक्षण वाले मरीज भी सम्मिलित होंगे) का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर करायेगी। नगर विकास विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए क्रमश: नगर निकाय एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को अधिकृत कर आवश्यकतानुसार राशि आवंटित करेंगे।

माइकिंग के माध्यम से प्रचार कराते समय अन्य बातों के अलावा कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति को भी बताया जाय ताकि प्रचार का अच्छा प्रभाव पड़े। तीन लाख सक्रिय कोविड मरीज मानते हुए सभी प्रकार की आधारभूत संरचना यथा बेड, पाइपऑक्सीजन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की तैयारी की जाये।

इस क्रम में 3 लाख सक्रिय कोविड मरीज के लिए आवश्यक मानव बल यथा चिकित्सक (एलोपैथिक, आयुष, यूनानी, डेंटिस्ट चिकित्सक सहित), लैब टेक्नीसियन, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ एवं एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाये। इन नियुक्त निजी व्यक्तियों को संविदा कर्मियों की भांति एक साल के सरकारी अनुभव की अधिमानता भी दी जाये।

गृह विभाग के अनुसार सभी सेवानिवृत्त चिकित्सकों, एलोपैथिक, आयुष, डेंटिस्ट को भी काम पर उपर्युक्त आवश्यकता के अनुसार लगाया जायेगा। कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही कोविड टेस्ट में निगेटिव हों), को भी अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जाये। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में जो आदेश जारी किया है उसका अनुपालन अच्छे से कराया जाये। सारे भेंटीलेटर को चालू किया जाये। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला पदाधिकारी अपने-अपने स्तर से सभी आवश्यक काररवाई करेंगे। जिला पदाधिकारी को स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत आवश्यकतानुसार निजी क्षेत्र के सहयोग से वेंटीलेटरों को चलाने हेतु प्राधिकृत किया जाये।

जांच की संख्या बढ़ायी जाय और आरटीपीसीआर टेस्ट हेतु और अधिक मशीन क्रय कर (मानव बल की भी व्यवस्था के साथ) इसे कार्यशील किया जाये। चुनाव से लौटे (पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से) पुलिसकर्मियों की कोविड जांच की जाये। इसमें यह ध्यान रखा जाय कि वे अन्य लोगों से मिलें नहीं जिससे की कोविड का संक्रमण नहीं फैले। रेमडेसिविर एवं अन्य दवाएं आवश्यकता पडऩे पर मरीजों को आसानी से एवं एक निर्धारित प्रक्रिया के अंदर मिल जाये, इसकी सुनिश्चित व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करे।

गृह विभाग के निर्देशानुसार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आवश्यकतानुसार एम्बुलेंस किराये पर हर जिले में लिया जाय। इसी प्रकार राज्य मुख्यालय स्तर पर एवं जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यरत हेल्पलाइन को और संवेदनशील, सुदृढ़ एवं उत्तरदायी बनाया जाये और सुनिश्चित किया जाय की आमलोगों की शिकायतों एवं सुझावों का शीघ्र निराकरण हो। स्वास्थ्य विभाग में ऐसी व्यवस्था की जाय कि सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों से स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार के अद्यतन आंकड़े एवं सुझाव हर २ दिन पर विभाग को मिल जाय।

इन आंकड़ों के आधार पर यदि आवश्यक हो तो विभाग समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लेगा। निजी अस्पताल, जो केवल कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं, उनकी समस्या के निराकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग बना ले और इसके माध्यम से नियमित बैठक कर समस्याओं का निराकरण करे। गत वर्ष की तरह मुजफ्फरपुर में कोरोना संक्रमण के लिए अतिरिक्त अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया जाय।

गृह विभाग ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी कोविड मरीजों के इलाज को देखें। चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी की सुरक्षा के लिए गृह विभाग एवं जिला प्रशासन आवश्यकत काररवाई करे। सभी जिला पदाधिकारी इस आदेश के अनुपालन हेतु द.प्र.सं. की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा निर्गत करेंगे।

उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 एवं भा.द.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक काररवाई की जायेगी।