पटना

पटना: विधानसभा में मंत्री के बयान पर भडक़ा विपक्ष


हंगामा के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित

(आज समाचार सेवा)

पटना। विधानसभा में भोजनावकाश के थोड़ी दर पहले समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के एक बयान ने पूरे सदन में कोहराम मचा दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर सदन छोड़ भाग गये, वहीं विरोध देख मंत्री भी सदन से चुपके से निकल गये। कार्यवाही स्थगित होने के १५ मिनट बाद तक माले समेत अन्य विपक्षी दल सदन के बेल में आकर नारेबाजी कर विरोध जता रहे थे।

हुआ यूं कि समाज कल्याण विभाग के वंचित पेंशनधारियों को पूर्व की तरह मुखिया या पंचायत में शिविर लगाकर पेंशन देने  की मांग महबूब आलम ध्यानाकर्षण के माध्यम से की थी। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि डीबीटी से राशि अंतरित होने से बिचौलिये और दलालों की भूमिका खत्म हो गयी है। तीन लाख से अधिक वैसे पेंशनधारी जिन्हें पेंशन मिलना बंद हो गया था उन्हें पेंशन के लिए शिविर लगाकर नाम जोड़ा गया। जनवरी तक का पेंशन राशि का भुगतान हो चुका है। फरवरी का भी जल्द होगा। अगर जरूरी हुआ तो फिर शिविर लगाकर त्रुटियों को सुधार कर बचे हुए पेंशनधारियों को पेंशन दिया जायेंगगा।

वैसे सरकार ने ६० वर्ष की उम्र पूरा करनने वालें चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों वे आरटीपीएस काउंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। सत्यापन के बाद उनका पेंशन भुगतान शुरू हो जायेगा। यह मुख्यमंत्री वृद्ध जन पेंशन योजना के तहत इसका लाभ मिेलेगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट महबूब आलम सरकार से जिलाधिकारियों को इस संदर्भ में स्पष्ट निदेर्शश जारी करने की मांग करने लग गये और इस पर अड़ गये। कई अन्य सदस्य भी इस मामले को और स्पष्ट करने की मांग करने लगे।

इसी बीच मंत्री मदन सहनी ने यह कह दिया कि हम बोलना नहीं चाहते, बोलेंगे तो इनकी पोल खुल जायेगी। ई हाथो हाथे देने की बात कर रहे हैं और हम पेंशन डीबीटी के माध्यम से लाभुक के खाते में पैसा भेज रहे हैं। इन लोगों की पूरी राजनीति उसी पर टिकी हुई थी इसलिए ये लोग बेचैन हैं।

मंत्री के इतना कहते ही माले के सदस्य विरोध प्रकट करते हुए बेल में आने लगे उसी बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर सदन से चले गये। उनके जाते ही हंगामा विरोध को देख मंत्री मदन सहनी भी पीछे से सदन से चले गये। बावजूद माले सदस्य बेल में आकर नारेबाजी व विरोध करने लगे।

मामला नार्मल होने के बाद सत्ताररूढ दल के मुख्य सचेतक सह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नाराज सदस्यों को मनाने की कोशिश की परंतु वे कामयाब नहीं हो सके। इससे पूर्व माले के सदस्यों ने आपराधिक मामलों के आरोपी मंत्रियों को बरखास्त करने की मांग को लेकर सदन के बाद और सदन के अंदर कार्यवाही शुरू होने के पहले बेल मे आकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया।

माले सदस्यों की मांग उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन को बरखास्त करने को लेकर था। हालांकि भाजपा के संजय सरावगी ने यह कहते हुए मंत्री का बचाव किया कि जितने सदस्य बेल में खड़े हैं उन पर कौन-कौन सेक्शन में केस हैं। उसको दिखवा लिया जाये। इनका चाल चरित्र और चेहरा उजागर हो जायेगा।