पटना

ग्रह-गोचरों के युग्म संयोग में 5 को सरस्वती पूजा


पटना (आससे)। माता सरस्वती विद्या एवं बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। माघ शुक्ल पंचमी ५ फरवरी (शनिवार) को उत्तरभाद्र नक्षत्र तथा सिद्ध व रवियोग में माता सरस्वती की पूजा होगी। इसी दिन मां शारदे का अवतरण भी हुआ था। सरस्वती ब्रह्म की शक्ति के रूप में जानी जाती हैं। विद्या अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी, कला के उपासक, माता के भक्त इस दिन पूरी पवित्रता के साथ माता की पूजा-अर्चना करेंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि सरस्वती पूजा के दिन मंत्र दीक्षा, नवजात शिशुओं का अक्षरारंभ भी किया जाएगा। इस तिथि पर मां शारदे के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, पुस्तक, लेखनी और वाद्य यंत्र की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। पूजा के बाद श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर- गुलाल भी लगाएंगे।

ज्ञान व शुभता के लिए होगा पीतांबर धारण

प्रभु श्रीकृष्ण ने भी पीतांबर धारण करके विद्या की देवी सरस्वती का पूजन माघ शुक्ल पंचमी को किया था। पीले रंग का संबंध गुरु ग्रह से है जो ज्ञान, धन व शुभता के कर्क माने जाते हैं।  इस ग्रह के प्रभाव से धनागमन, सुख व समृद्धि की प्राप्त होती है। इसीलिए इस दिन श्रद्धालु पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं।

राशि के अनुसार करें आराधना

मेष– सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करें- मंत्र: ऊं वाग्देवी वागीश्वरी नम:। वृष– हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाएं- मंत्र : ऊं कौमुदी ज्ञानदायनी नम:। मिथुन– श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करें- मंत्र : ऊं मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम:।

कर्क– लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाएं- मंत्र: ऊं मां कमलहास विकासिनी नम:। कन्या– गुड़, अबीर, इत्र अर्पण तथा पुस्तक का दान करें- मंत्र: ऊं मां प्रणवनाद विकासिनि  नम:। तुला– नीला कलम, पंचामृत, गुलाल अबीर, इत्र चढ़ाएं- मंत्र: ऊं मां हंसुवाहिनी नम:।

वृश्चिक– सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करें- मंत्र- ऊं शारदे दैव्ये चन्द्रकान्ति  नम:। धनु– श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाएं- मंत्र: ऊं जगती वीणावादिनी नम:। मकर– अरवा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करें- मंत्र : ऊं बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम:। कुंभ– खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाएं- मंत्र: ऊं ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम: मीन-सफेद वस्त्र, पीला फूल, घी अर्पित करें। मंत्र ऊं वरदायिनी मां भारती नम:।