पटना

बेगूसराय: डीईओ ने सात महीने पूर्व निलंबन का दिये आदेश, मटिहानी बीडीओ ने नहीं की कोई कार्रवाई


बेगूसराय (आससे)। डीईओ साहब आपके आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है। यह कैसी विडंबना है कि जब 2 शिक्षक पर आरोप तय हो चुके हैं तो एक को निलंबित कर दिए गए तो वही दूसरे को निलंबित नहीं किया गया है। ज्ञात हो कि जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने दिनांक 30 जनवरी 2021 को पत्रांक 235 एवं 236 में गबन के आरोप में सिकंदर साहू एवं शंभू कुमार को मटिहानी प्रखंड नियोजन इकाई प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया गया था कि दोनों शिक्षकों को निलंबित कर डीईओ कार्यालय को सूचित करें। लेकिन पत्रांक 236 दिनांक 30 जनवरी 2021 के आदेश के आलोक में प्रखंड शिक्षक शभू कुमार को निलंबित तो कर दिया गया तो वही पत्रांक 235 दिनांक 30 जनवरी 2021 के आलोक में सिकंदर साहू को निलंबीत नहीं किया गया।

मटिहानी प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उक्त आदेश को नहीं मानते हुए सिकंदर साहू को बचाने का काम किया। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक ही आरोप दोनों शिक्षकों पर लगा तो एक को निलंबित किया गया वहीं दूसरे को अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया? जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दोनों को निलंबित करने का आदेश दिया था। आखिरकार किसके कहने पर एक को निलंबित किया गया तो दूसरे को अभी तक बचा कर रखा गया।

उक्त मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगदीशपुर माथार मटिहानी का है। जहां प्रभारी प्रधान सिकंदर साहू पर आरोप लगा था कि उनके तीन बेटे ने गलत तरीके से राशि की निकासी की थी। जब विभाग के द्वारा जांच किया गया तो इसमें सत्यता पाई गई। सिकंदर साहू की मिलीभगत से ही उनके बेटों ने राशि की निकासी की थी। मटिहानी के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी भुवनेश्वर मिश्र ने एक को तो निलंबित कर दिया तो वही सिकंदर साहू को बचाए रखा। मिली जानकारी के अनुसार सिकंदर साहू की पत्नी पंचायत समिति की सदस्य हैं जिन्होंने अपने पति को निलंबन रोकने के लिए पैरवी करती रही। जिसका फलसफा यह रहा कि अभी तक निलंबित नहीं किया गया।

तो वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय को भी इसकी सूचना अभी तक नहीं है कि सिकंदर साहू को निलंबित किया गया या नहीं। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से निलंबन का आदेश पत्रांक 235 दिनांक 30 जनवरी 2021 को सिकंदर साहू को निलंबित करने का आदेश दिया गया था। 7 माह बीतने को चला लेकिन आदेश पत्र पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे स्पष्ट झलकता है कि जानबूझकर सिकंदर साहू को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

आखिरकार डीईओ के आदेश की अवहेलना कौन कर रहे हैं? या फिर इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को मिली है या नहीं यह भी एक प्रश्नवाचक चिन्ह है? वही तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी का स्थानांतरण अन्य जिले में हो चुका है। वहीं वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी सुधीर कुमार पदभार ग्रहण कर चुके हैं अब देखना यह होगा कि वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी सिकंदर साहू को निलंबित करते हैं या फिर यह भी उक्त आदेश को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।