पटना (आससे)। राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार सरकार राज्य के औद्योगिक विकास के लिए गंभीर है। मैं बढ़-चढ़ कर ज्यादा बड़ा दावा नहीं करूंगा, लेकिन जो बोलूंगा, उसे जिम्मेदारी पूर्वक करूंगा। श्री हुसैन शुक्रवार को विधान सभा में उद्योग विभाग के अनुदान मांग पर आयोजित वाद-विवाद में सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब राज्य में एक भी चीनी मिल ऐसी नहीं बचेगी, जो चालू नहीं हो। क्योंकि अब एथेनॉल उत्पादन को लेकर केंद्र ने मंजूरी दे दी है। वर्ष २००६-०७ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो सोचा था, आज वह साकार हो गया। एक साजिश के तहत १० वर्षों तक एथेनॉल उत्पादन को मंजूरी न देकर रोका गया। चंद दिनों पहले ही प्रधानमंत्री ने इसे मंजूरी दी है।
श्री हुसैन ने कहा कि ट्वाय मेकिंग, खादी उद्योग, फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल, आईटी तथा फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में राज्य सरकार नयी पॉलिसी बनाने जा रही है। ये सभी उद्योग कृषि आधारित हैं। एथेलॉन समेत इन सभी उद्योगों से किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने देश और देश के बाहर रह रहे समर्थ्यवान बिहारियों से अपील की कि वे बिहार में आकर उद्योग लगायें, रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया जायेगा। मैं खुद उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि मैं पुरानी स्लेट मिटाकर नया स्लेट लेकर बिहार अपनी जन्मभूमि की सेवा में लौटा हूं। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री युवा-युवती उद्यमी नीति के आकार को बढ़ाया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए ब्याज नहीं लगेगा, अन्य के लिए सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज रखा गया है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि अमृतसर-कोलकाता कोरिडोर के लिए राज्य सरकार द्वारा १६३५ एकड़ भूमि हेतु ४०० करोड़ रुपये दिया गया है। इसमें केंद्र सरकार भी मदद कर रही है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री जी को मोतिहारी के चीनी मिल की चाय कब पिलायेंगे। इसके बाद उन्होंने उद्योग मंत्री पर आरोप लगाया कि वे उद्योग पर कोई विशेष चर्चा न करके सिर्फ इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। इसके बाद विपक्ष नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर गया।
चर्चा से पूर्व विजय शंकर दूबे सहित अनेक सदस्यों ने कटौती प्रस्ताव रखा जिसे ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। जिन सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया उनमें भारत भूषण मंडल, शालिनी मिश्रा, सर्वजीत, विजय कुमार खेमका, विजेन्द्र कुमार, विनोद कुमार गुप्ता, विजय ङ्क्षसह आदि प्रमुख थे।