(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। कोरोनाकाल में बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों के समक्ष वेतन के लाले पड़ गये हैं। वेतन भुगतान के लिए बोर्ड द्वारा सरकार से मांगी गयी पांच करोड़ 29 लाख 42 हजार 88 रुपये की राशि एक सप्ताह में नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
दरअसल, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों के वेतनादि का भुगतान बोर्ड की निधि से किया जाता है। लेकिन, वर्तमान में छात्र-छात्राओं की संख्या में लगातार गिरावट होने की वजह से बोर्ड की आय में कमी हो गयी है। इससे बोर्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन भुगतान बाधित हो गया है।
इस स्थिति से निपटने के लिए बोर्ड ने राज्य सरकार से बजटीय प्रावधान करते हुए पांच करोड़ 29 लाख 42 हजार 88 रुपये की प्रति वर्ष बजटीय सहायता की मांग की है। इससे संबंधित प्रस्ताव गत 21 जनवरी को हुई बोर्ड की बैठक में पारित किया गया। लेकिन, मांगी गयी राशि बोर्ड को अब तक नहीं मिली है। इस बाबत बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एवं विशेष निदेशक के दरवाजे ज्ञापन के जरिये खटखटाये जा चुके हैं।
इस बीच सोमवार को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड कर्मचारी संघ ने फिर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, विशेष निदेशक तथा बोर्ड के अध्यक्ष एवं सचिव को स्मार-पत्र भेजा है। उसमें संघ के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिन्हा एवं महासचिव भवनाथ झा ने कहा है कि वेतन के अभाव में कोरोनाकाल में कर्मचारियों के परिवारों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। यहां तक कि बच्चों का भी भरण-पोषण कठिन हो गया है।
सेवानिवृत कर्मियों को सेवांत लाभ का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। स्मार-पत्र में कहा गया है कि अगर एक सप्ताह में वेतन भुगतान के लिए राशि नहीं मिली, तो कर्मचारी विवश होकर बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का चक्का जाम करेंगे। इसके तहत कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।