पांच साल के बाद एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में हाजिर हुए। राज्य के विभिन्न इलाकों ओैर शहरों से आये शिकायतकर्ता अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से रू-ब-रू हुए। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक शिकायतकर्ता की समस्या बड़ी तन्मयता से सुनी और फैसला भी ऑन स्पॉट किया। इस दौरान कई मामलों में मुख्यमंत्री ने कई अधिकारियों की क्लास भी ली।
(निज प्रतिनिधि)
आवाज नहीं मिलने से परेशान दिखे मुख्यमंत्री
पटना। जनता दरबार में आवाज नहीं मिलने से सीएम नीतीश परेशान दिखे। वे कई बार अधिकारियों से कहा कि आवाज नहीं मिल रही है। इसका कोई उपाय कीजिए। आवाज नहीं मिलने से फरियादियों की बात नहीं सुन पा रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तत्काल कोई उपाय कीजिए। इसके बाद अधिकारियों ने तत्काल वहां पर फोन रखा और फरियादी को उस फोन पर बोलने को कहा।
किशनगंज से आये व्यक्ति ने बैक से कर्ज नही देने की शिकायत की
किशनगंज से आये शख्स ने बैंक से कर्ज नहीं मिलने पर शिकायत की। शिकायतकर्ता ने कहा कि हमने एक बैंक अधिकारी को सीबीआई से पकड़वाया। इसके बाद उनका स्वीकृत ऋण नहीं मिल पा रहा। मुख्यमंत्री ने तत्काल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से बात करने को कहा। वहीं पूर्णिया से आये एक फरियादी ने बिजली विभाग द्वारा हड़ताल करने पर नाईट गार्ड से हटाने की शिकायत की। इस पर भी मुख्यमंत्री ने बात करने को कहा।
आंगनबाड़ी सेविका को ढाई साल से नहीं हुआ भुगतान
जनता दरबार में पहुंचे एक शख्स ने कहा कि ढाई साल से उनकी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका के तौर पर काम कर रही हैं। लेकिन अब तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को पूरे राज्य में ऐसे मामलों की जांच कराने का निर्देश दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि जब ऐसे मामले जनता दरबार में सामने आ रहे हैं, तो संभव है कि कई और जगहों पर भी मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा हो।
समाज कल्याण विभाग के सचिव को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तत्काल पूरे राज्य में ऐसे मामलों की जांच कराई जाए और अगर मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। तो इसे सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई आंगनबाड़ी सेविका के तौर पर काम कर रही है, तो उसे भुगतान होना चाहिए।आंगनबाड़ी सहायिका से जुड़ा एक ऐसा मामला भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आया। जिस मामले में फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर कई लोग सेवा में आ गए और जो सही सर्टिफिकेट के साथ थे, उनकी नियुक्ति नहीं हुई. मुख्यमंत्री ने इस मामले की भी जांच का निर्देश दिया है।
ब्लैक फंगस का मरीज पहुंचा, हड़कंप
मुख्यमंत्री जनता दरबार कार्यक्रम में फरियादियों की बात सुन रहे थे। इस कार्यक्रम के लिए आने वाले फरियादियों का कोरोना जांच भी कराया गया है, लेकिन जनता दरबार में उस वक्त हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने बैठे एक फरियादी ने कहा कि उसे ब्लैक फंगस हो गया है।युवक के इतना कहते ही कि उसने ब्लैक फंगस हुआ है। युवक ने कहा मुझे ब्लैक फंगस हुआ है। इतना सुनते ही नीतीश कुमार तुरंत एक्शन में आए।
सुरक्षाकर्मियों ने भी अलर्ट होते हुए तत्काल उसे मुख्यमंत्री के सामने से उठाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास उस फरियादी युवक को भेजा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक युवक जो खुद को ब्लैक फंगस से पीडि़त बता रहा है। उससे बात करें। उसे क्या परेशानी है। तत्काल उसे देखें। थोड़ी देर में जनता दरबार के अंदर उस वक्त सभी सतर्क हो गए। जब युवक ने खुद को ब्लैक फंगस का मरीज बताते हुए नीतीश कुमार के सामने फरियाद रखी।
मुख्यमंत्री के इलाके का शख्स शिकायत लेकर पहुंचा
सीएम नीतीश के पैतृक गांव कल्याण बिगहा ओपी क्षेत्र का एक व्यक्ति जमीन से जुड़े विवाद को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम आपके शिकायत लेकर पहुंचे हैं उधर जमीन माफिया जमीन पर कब्जा करने पहुंच गया है। सीएम नीतीश ने उनकी बात को समझा और पूछा कि आपका घर कहां है? और जमीन कहां है? इस पर आवेदक ने कहा कि हम हरनौत के रहने वाले हैं और कल्याण बिगहा ओपी के बराह मौजा में जमीन है। लेकिन हमारी जमीन को कब्जा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शिकायत सुनने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया।
जमीन है, पर नहीं बन रहा स्कूल
गया से आये शिकायतकर्ता ने कहा कि हमारे गांव में जमीन है लेकिन उस पर सरकारी स्कूल नहीं बन रहा। सरकारी स्कूल बनवाने के लिए हर जगह आवेदन दिया। जनता दरबार में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन स्कूल नहीं बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्यों नहीं शिकायत किये, इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि पहले के जनता दरबार में भी आवेदन दिये थे। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाककर कहा कि क्या वजह है जो अब तक स्कूल स्कूल नहीं बना। हम लोगों ने 2007-08 में तो हजारों स्कूल बनवाये हैं। ऐसे में पूरे मामले का डिटेल जांच करवाइए।
अस्पताल को लेकर की फरियाद
राघोपुर से एक शख्स ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में फरियादी लगाई। राघोपुर बिद्दुपुर से आये शख्स ने मुख्यमंत्री ने कहा कि राघोपुर में दो प्रखंड हैं। साढ़े तीन लाख की आबादी है और सरकारी अस्पताल में बेड की संख्या महज 6 है। ऐसे में राघोपुर की जनता भगवान भरोसे है। हमलोगों ने सब जगह शिकायत की। स्थानीय विधायक से भी शिकायत की लेकिन अब तक स्वास्थ्य सुविधा में सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपके इलाके का अस्पताल अपग्रेड नहीं हुआ है ? इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया।
मुख्यमंत्री जी, किसी ने गले से सोने की जिउतिया ले ली
जनता दरबार मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक महिला शिकायतकर्ता पहुंची और रोने लगी। मुख्यमंत्री ने महिला के रोने का कारण पूछा तो महिला ने उनके सामने ही कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके यहां हमारे गले से सोने का जीवतिया किसी ने ले लिया। महिला गला दिखाने लगी । उसने दिखाया कि देखिए..गला में अभी भी मोती लगा हुआ है और सोने का जीवतिया ले लिया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि कहां से ले लिया तो पीडि़त महिला ने साफ कही कि यहीं से। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत कहा कि देखवाइए इस मामले को। सीएम नीतीश के आदेश के बाद तुरंत डीएसपी और अधिकारी सिक्यूरिटी जांच स्थल पर गये।
कागज पर चल रहा अस्पताल
सुपौल से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा,कागज पर चल रहा अस्पताल। शिकायतकर्ता ने कहा कि कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा। सीएम नीतीश इस शिकायत को सुनने के बाद भौचक्के हो गये। उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगा दीजिए।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मु. सचिव को कहा-प्रत्यय जी…सुपौल से एक शख्स आये हैं। सुपौळ के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर पंचायत के हैं। ये कह रहे कि कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है। कागज पर ही आउटडोर भी चल रहा। इस मामले को देखिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फोन रख दिया। इसके बाद सुपौल से आये शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया गया।
नाराज हुए मुख्यमंत्री, कहां गये आपके एसीएस
आंगनबाड़ी सेविकाओं को तीन साल से मानदेय नहीं मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री नाराज हो गये। लगे हाथ उन्होंने समाज कल्याण विभाग के मंत्री को फोन लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्या चीज है भाई? तीन-तीन सालों से मानदेय नहीं मिल रहा। 1-1 चीज को देखिए। क्लियरीफाई कीजिए। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के मौजूद नहीं रहने पर मंत्री से पूछा-आपके एसीएस कहां गये,वो आते हैं तो तुरंत बात कराईए। मुख्यमंत्री ने तल्ख तेवर में कहा कि यह क्या हो रहा? मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो हमने काफी अच्छा किया कि शिकायत सुनना शुरू किया। देखिए यह क्या हो रहा है ? समाज कल्याण विभाग में मानदेय नहीं मिलने की दो शिकायत आ गई।
महिला ने कहा दबंगों ने की मारपीट
मुख्यमंत्री ने दिया डीजीपी को निर्देश
एक महिला शिकायतकर्ता शांति देवी ने मुख्यमंत्री ने फरियाद लगाई कि दबंगों ने हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया है और कहा-अच्छा कमाल है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को तलब किया और कहा कि कमाल है डीजीपी साहेब दबंगों ने इनके साथ मारपीट की। 15 मई 2021 को केस हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को कहा कि इस मामले को देखिए तुरंत।