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- डीईएलएड व बीएड में होगी इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की भी पढ़ाई
- एससीईआरटी व स्कूल के बीच की कड़ी बनेंगे शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज
- नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की तैयारी
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए सभी सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों पर अपने-अपने जिले के अकादमिक नेतृत्वकर्ता की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी। इसके तहत राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) एवं स्कूल के बीच की कड़ी के रूप में टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज काम करेंगे।
वर्तमान में राज्य में 66 सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हैं। इनमें छह अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, 33 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, 23 प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय एवं चार प्रखंड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हैं। इनमें अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों में बीएड की पढ़ाई होती है, जबकि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों एवं प्रखंड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में डीईएलएड की पढ़ाई की व्यवस्था है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शिक्षा विभाग की प्रस्तावित कार्य योजना के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को अपने जिले के अकादमिक नेतृत्वकर्ता की भूमिका में आना है। इसके लिए टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) एवं स्कूल के बीच की कड़ी के रूप में विकसित किया जा रहा है। सभी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज अपने क्षेत्र के अंतर्गत प्रखंडों एवं आने वाले समय में स्थापित किये जाने वाले स्कूल कॉम्पलेक्स के साथ तालमेल बिठा कर स्कूलों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए कार्य करेंगे। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति के लिए स्कूल कॉम्पलेक्स पर कार्य किया जाना है। आने वाले समय में सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों के एक हजार व्याख्याता एवं 19 हजार प्रशिक्षुओं के माध्यम से स्कूलों को अकादमिक सहयोग देने की योजना है।
वर्तमान समय में इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में बहुत तेजी से हो रहे परिवर्तन के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने अपनी कार्य योजना के तहत इनफारमेशन टेक्नोलॉजी विषय डीईएलएड एवं बीएड के सिलेबस में शामिल किया है। प्रशिक्षुओं के सहयोग के लिए उनके आईसीटी से संबंधित ऑनलाइन एक्शन ओरिएंटेड कोर्स तैयार किये जा रहे हैं। इस कोर्स को करने से प्रशिक्षुओं में आईसीटी की अच्छी समझ विकसित होगी। प्रशिक्षुओं के बेहतर समझ से तकनीक का इस्तेमाल स्कूल भी कर पायेंगे।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शिक्षा विभाग की प्रस्तावित कार्य योजना के तहत सभी सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में आईसीटी लैब की स्थापना एवं उसका अधिकतम उपयोग भी शामिल है। इसके साथ ही सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में अनुसंधान एक्शन रिसर्च जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाना है।