थर्ड ग्रेड के पदों पर कर्मचारी चयन आयोग से बहाली का रास्ता साफ
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- फोर्थ ग्रेड के पदों पर आउटसोर्सिंग एजेंसी से ली जायेगी सेवा
- खुलेंगे बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय भी
- बोर्ड की अनुशंसा पर ही अनुदान की कोटि में आयेंगे मदरसे
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–डॉ. लक्ष्मीकान्त सजल-
पटना। सत्तर वर्ष से अधिक उम्र वाले बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष नहीं होंगे। कोई भी व्यक्ति दो पदावधियों से अधिक अध्यक्ष के पात्र भी नहीं होंगे। अध्यक्ष का कार्यकाल पदभार ग्रहण की तिथि से तीन वर्षों का होगा, लेकिन कदाचार में दोषी पाये जाने पर राज्य सरकार उन्हें बीच में भी हटा सकेगी। मदरसों की संबद्धता देने तथा उसे वापस लेने की भी शक्ति बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को दी गयी है। इसके साथ ही बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड में थर्ड ग्रेड के कर्मचारियों की नियुक्ति बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग से हो सकेगी। फोर्थ ग्रेड के सृजित पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवा ली जायेगी।
ये सारे प्रावधान बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड नियमावली, 2022 में किये गये हैं। इससे संबंधित अधिसूचना शिक्षा विभाग ने जारी कर दी है। बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 1981 (बिहार अधिनियम संख्या 32, 1982) की धारा 26 के तहत बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड नियमावली, 2022 अधिसूचित हुई है। इसके मुताबिक अध्यक्ष अपने पद पर तीन वर्ष या सत्तर वर्ष जो पहले हो, पर अवकाश प्राप्त करेंगे।
अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किये जाने हेतु कोई व्यक्ति तब तक योग्य नहीं समझा जायेगा, जब तक कि वह केंद्र या राज्य सरकार के अधीन पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव न रखता हो अथवा वह स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्था में न्यूनतम दस वर्षों का शिक्षण अथवा शोध का अनुभव न रखता हो अथवा जो अरबी, फारसी, इस्लामिक अध्ययन में ख्याति प्राप्त विद्वान न हो और मदरसा शिक्षा में अभिरुचि न रखता हो। अध्यक्ष की अस्थायी अनुपस्थिति के दौरान प्राच्य शिक्षा निदेशक प्रभार में रहेंगे। अध्यक्ष तीन माह में कम-से-कम एक बार बोर्ड की बैठक बुलायेंगे। बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारी बोर्ड के सचिव होंगे। नियमावली में अध्यक्ष एवं सचिव के साथ ही परीक्षा नियंत्रक की शक्तियों का भी निर्धारण किया गया है।
मदरसों की संबद्धता स्वीकृत करने, विभाग के अनुमोदन के पश्चात इस संबंध में नियमावली बनाने तथा प्रस्वीकृति के लिए निर्धारित मानक पूरा नहीं करने पर प्रस्वीकृति वापस लेने की शक्ति भी नियमावली में बोर्ड को दी गयी है। मदरसों को अनुदान की श्रेणी में लाने के लिए अनुशंसा के अधिकार भी बोर्ड को दिये गये हैं।
नियमावली के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग के प्रावधानों के तहत बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड में शिक्षा विभाग के पूर्वानुमोदन से नियुक्ति होगी। यदि आवश्यक हुआ, तो मदरसा बोर्ड वर्ग-तीन के पद पर नियुक्ति हेतु बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग से अनुरोध कर सकेगा। मदरसा बोर्ड अपने कर्मियों के सेवा शर्त एवं कार्यालय के संचालन के लिए विनियमावली तैयार करेगा, जिसका अनुमोदन उसे शिक्षा विभाग से लेना होगा। फोर्थ ग्रेड के सृजित पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवा ली जायेगी, जिसका पूर्वानुमोदन शिक्षा विभाग से प्राप्त करने की अनिवार्यता होगी।
नियमावली में बोर्ड की निधि के उपयोजन के प्रावधान भी किये गये हैं। बोर्ड के लेखा अंकेक्षणीय होंगे। अंकेक्षण प्रतिवेदन बोर्ड की आगामी बैठक में रखने की अनिवार्यता होगी। पटना मुख्यालय के अतिरिक्त अन्य जगहों पर भी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय होंगे। नियमावली में और भी कई प्रावधान किये गये हैं।