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- विकास में मील का पत्थर साबित होगा बिहार बजट 2021-22
- युवा शक्ति के विकास के साथ रोजगार के नए अवसर मिलेंगे
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(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री श्री तार किशोर प्रसाद ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रस्तुत किए गए बजट पर सामान्य वाद-विवाद पर अपना उत्तर देते हुए कहा कि राज्य के विकास में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण जहां एक ओर वर्ष 2020 में राजस्व प्राप्ति में कमी आई, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण तत्काल आम आदमी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोक व्यय में वृद्धि हुई। बिहार की आर्थिक व्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के सतत् विकास के लिए वर्ष 2015 में राज्य सरकार द्वारा सात निश्चय योजना को प्रारंभ किया गया था, जिसके उत्साहवर्धक परिणाम आए है, जिस से प्रेरित होकर बिहार सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों (2020 से 2025 तक) के लिए आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत सात लक्ष्य निर्धारित किए गये:- युवा शक्ति- बिहार की प्रगति, सशक्त महिला- सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ संपर्कता और सब के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं।
उन्होंने कहा कि युवा हमारे राज्य की बहुमूल्य पूंजी हैं। बिहार सरकार युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बजट 2021-22 में अनेक कार्यक्रम निर्धारित किए है। युवाओं के शिक्षा, प्रशिक्षण एवं युवा उद्यमिता विकास पर हमने विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हमारे युवा बाजार की मांग के अनुरूप आधुनिक तकनीक वाले रोजगार/स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे। युवाओं के लिए बेहतर तकनीकी प्रशिक्षण, आधुनिक एवं गुणवत्ता वाले तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण तथा आधुनिक संयंत्रों एवं टूल्स पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि हमारे युवा न केवल रोजगार की तलाश में रहें अपितु रोजगार सृजनकर्ता भी बनें, इसलिए युवाओं को सफल उद्यमी बनाने हेतु न सिर्फ उच्च स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है बल्कि उनको अपना उद्यम लगाने के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपये तक का अनुदान तथा अधिकतम 5 लाख रुपये का ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। इन कार्यक्रमों से युवाओं के स्किल का अपग्रेडेशन होगा तथा उनमें उद्यमिता की भावना उत्पन्न होगी।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि बजट 2021-22 के माध्यम से महिलाओं के सामाजिक विकास के कार्यों को अधिक गति प्रदान करने के उद्देश्य से जहां एक ओर जीविका कार्यक्रम को अस्पतालों में दीदी की रसोई एवं सरकारी तालाबों का रख-रखाव से जोडऩे की स्वीकृति दी गई है। हाई स्कूल के बाद उच्च शिक्षा के प्रति महिलाओं को प्रेरित करने के लिए इंटर उत्तीर्ण होने पर अविवाहित महिलाओं को 25000 रुपये तथा स्नातक उत्तीर्ण होने पर महिलाओं को 50000 रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया गया, वहीं दूसरी ओर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में, काष्ठ से संबंधित क्षेत्र में अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। उद्योग के साथ-साथ कृषि एवं मत्स्य संसाधन विभाग सहित अन्य सभी विभागों द्वारा मिलकर अतिरिक्त रोजगार का सृजन करने के व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उत्पाद में वृद्धि एवं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में किसी न किसी एक माध्यम से सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। इसके लिए बजट में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।
दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन जैसे व्यवसाय गांव में रोजगार के साधन होते हैं, जिससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि होती है। इन व्यवसायियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बजट में प्रावधान किए गए हैं। राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्रों में प्रत्येक वर्गों के विकास एवं उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए बेहतर प्रबंध सुनिश्चित कर रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अल्पसंख्यक, वंचित वर्ग, महिला उत्थान इत्यादि सहित अन्य सभी वर्गों के हितों की रक्षा एवं उनके कल्याण हेतु प्रतिबद्ध एवं कृतसंकल्पित है। राज्य सरकार के द्वारा बिहार के विकास एवं लोगों के कल्याण हेतु पूर्व से संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों को वर्ष 2021-22 में और सुदृढ़ करते हुए कार्यान्वित किया जाएगा।