पेरिस/इस्लामाबाद, फ्रांस के दूतावास ने अपने नागरिकों को तुरंत ही पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक फ्रांस विरोधी हिंसा को लगातार भड़काने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। हिंसा के बाद ही पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया और मैसेजिंग एप्स पर कई घंटे तक रोक लगा दी थी। यह पाबंदी गृह मंत्री शेख राशिद अहमद के टीएलपी पर देश के आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई के बाद की गई।
टीएलपी के नेता साद हुसैन रिजवी को भी गिरफ्तार करने के बाद ऐसा किया गया। तहरीक-ए-लब्बैक ईश निंदा के आरोप में मृत्यु दंड का प्रविधान किए जाने के लिए एक बड़ा अभियान भी चला रहा है। पाकिस्तान में ईश निंदा को आपराधिक कानून माना गया है। शार्ली हेब्दो के मामले के बाद से फ्रांस में हिंसा की घटनाओं के बाद से ही टीएलपी ने पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी अभियान चला रखा है।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में रविवार को भी हिंसा का दौर जारी रहा। लाहौर में हुई पुलिस से झड़प में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-i-Labaik Pakistan, TLP) के प्रवक्ता शफीक अमीनी ने आरोप लगाया कि शहर में पुलिस ने लाहौर मरकज पर हमला बोल दिया जिससे लोग भड़क गए।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों पाकिस्तान की इमरान खान ने कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम (Terrorism Act) के नियम 11-बी के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। पाकिस्तान ने यह कदम कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों की लगातार कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ झड़प के बाद उठाया था। अब तक इन झड़पों में कई लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।