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पार्थ व अर्पिता के बैंक खातों से तीन साल में 700 करोड़ रुपये का लेन-देन, ED की जांच में हो रहे चौंकाने वाले खुलासे


कोलकाता : बंगाल में इसी साल हुए नगर निकाय के चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस में उम्मीदवारी को लेकर भी व्यापक तौर पर रुपये का लेन-देन हुआ था। शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में ईडी को इसका पता चला है। ये सारे रुपये शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किए गए बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के पास गए थे या कहीं और, ईडी इसका पता लगाने में जुट गई है। जानकारी मिली है कि तीन साल में पार्थ व अर्पिता के बैंक खातों से करीब 700 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।

पार्थ चटर्जी नगर निकाय के चुनाव के वक्त तृणमूल के प्रदेश महासचिव थे और उम्मीदवारों के चयन में उनकी अहम भूमिका रही थी। नगर निकाय के चुनाव के समय तृणमूल में उम्मीदवारी को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसकी वजह से बाद में उम्मीदवारों की सूची में बदलाव भी करना पड़ा था।

इस बीच पार्थ और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के बैंक खातों की जांच करने पर पता चला है कि 2016 से 2019 के दौरान उनमें करीब 700 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। पार्थ और अर्पिता के कई संयुक्त बैंक खाते मिले हैं। अकेले अर्पिता के बैंक खातों में उक्त अवधि के दौरान प्रतिदिन 20 से 30 लाख रुपये का लेन-देन हुआ। इन सभी को व्यावसायिक लेन-देन के तौर पर दिखाया गया है।

ईडी को पता चला है कि शिक्षक की नौकरी बेचने को लेकर रुपये का लेन-देन स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के कार्यालय के बाहर होता था। पार्थ के बेहद भरोसेमंद दो लोग इस बाबत रुपये की उगाही करते थे।

अब पार्थ व अर्पिता से सीबीआइ करेगी पूछताछ

शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी द्वारा पार्थ चटर्जी तथा उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार करने के बाद अब सीबीआइ उक्त दोनों को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है। सीबीआइ इस घोटाले के मूल मामले की जांच कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इसके लिए विशेष अदालत में आवेदन किया जाएगा। सीबीआइ का कहना है कि इस मामले की जांच के दौरान कई अहम तथ्य मिले हैं, जिसके लिए पार्थ व अर्पिता से पूछताछ जरूरी है।