भुवनेश्वर पुरी जगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) के सिंह द्वार के सामने मौजूद अरुण स्तंभ में दरार (Crack in Arun Pillar) आने के बाद इसे लेकर भक्तों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एक ही काले मुगुनी पत्थर से बने अरुण स्तंभ में यह दरार कैसे बनी।
स्तंभ पर विराजमान है सूर्य के सारथी
इस स्तंभ की ऊंचाई 33 फीट 8 इंच है। 18वीं शताब्दी के अंत में राजा दिब्यसिंह देव (Raja Dibyasingh Deo) ने इस स्तंभ को कोणार्क (Konark) से लाकर सिंह द्वार के सामने स्थापित कर दिए थे। इस स्तंभ पर सूर्य के सारथी अरुण विराजमान हैं।
अरुण स्तंभ के दर्शन के बाद सिंह द्वार में करें प्रवेश
जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु के दर्शन के लिए आने वाले भक्त सबसे पहले अरुण स्तंभ के दर्शन करते हैं इसके बाद सिंह द्वार से मंदिर में प्रवेश करते हैं।
जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति ने दिया ठीक करवाने का आश्वासन
मिल रही जानकारी के मुताबिक यह एक महत्वपूर्ण प्रसंग है, ऐसे में बताया गया है कि श्रीमंदिर के प्रशासनिक कार्यालय में होने वाली बैठक में इस पर चर्चा जरूर की जाएगी। जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति के सदस्य
दुर्गाप्रसाद दास महापात्र ने कहा है कि अगर गरूण स्तम्भ में कोई दरार या छेद है तो उसे तुरंत ठीक कराया जाएगा। हालांकि, इस संदर्भ में एएसआई और ना ही जगन्नाथ मंदिर प्रशासनिक अधिकारी ने अभी तक अपनी कोई राय रखी है।