काशी की पहचान कभी जलतीर्थ के रूप में भी होती थी। यहां के मुहल्लों एवं गलियों में कुंडों-तालाबों से सुशोभीत थी लेकिन आज यह स्थिति है कि गिनती के कुंड तालाब बचे है और उनकी भी स्थिति काफी दयनीय है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा तालाबों के सुन्दरीकरण के लिए पैसा आ रहा है लेकिन सुन्दरीकरण के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थित अस्सी स्थित पुष्कर तालाब की है। पुष्कर तीर्थ के रूप में जाना जाने वाले इस तालाब के जल से कभी काशी विश्वनाथ का जलाभीषेक होता था लेकिन आज इसका पानी स्पर्श करने लायक नहीं बचा है। पुष्कर तालाब के सुन्दरीकरण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा साढ़े चार करोड़ रूपया पास किया गया और तालाब के सुन्दरीकरण का कार्य भी शुरू हुआ। लेकिन आज लगभग २० वर्ष हो गये तालाब के सुन्दरीकरण का कार्य होते हुए लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ। नगर के तालाबों को बचाने के लिए संघर्षरत जागृति फाउण्डेशन के धीमी गति से चल रहे पुष्कर तालाब के सुन्दरीकरण के कार्य पर अफसोस जताया है। कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा न तो अभी तालाब के अन्दर की सफाई ही हुयी है और नहीं तालाब के अन्दर फाउण्टेन ही बना ही जबकि सुन्दरीकरण में तालाब के बीच में फाउण्टेन लगाने और तालाब की ड्रेजिंग भी करना था। गुरूवार को संस्था के लोग जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व नगर आयुक्त गौरांग राठी को ज्ञापन देकर इसे बनाने की मांग करेंगे।