कोरोनावायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. लगातार कोविड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रविवार को नई रिसर्च के निष्कर्षों के मद्देनजर अच्छे क्रॉस वेंटिलेशन की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि रिसर्च में बताया गया है कि कोविड हवा के माध्यम से फैलता है न कि ड्रॉपलेट्स (बूंदों) के माध्यम से, जैसा कि शुरू में माना जाता था. मेडिकल जर्नल लैंसेट के एक नए लेख में सबूतों के हवाले से कहा गया है कि वायरस बहुत अधिक मात्रा में हवा के जरिए फैलता. इससे लड़ने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को बदलना चाहिए.
एनडीटीवी से बात करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा कि बाहर के मुकाबले वायरस के घर के अंदर फैलने की संभावना ज्यादा होती है. गर्मियों में सभी खिड़कियां खोलना और अच्छी क्रॉस वेंटिलेशन करना जरूरी है. आपका कमरा बहुत अच्छी तरह हवादार होना चाहिए. अच्छा क्रॉस वेंटिलेशन होना चाहिए. बेहतर होगा कि भीड़ न हो या बंद कमरे में बैठक न हो.’ उन्होंने कहा कि बंद कमरे में रहने वाला संक्रमित व्यक्ति सभी को संक्रमित कर सकता है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति से 10 मीटर दूर बैठे जो संक्रमित है और आप संक्रमित नहीं हो सकते क्योंकि एरोसोल लंबी दूरी की यात्रा कर सकता है और यदि कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो यह बहुत लंबा जा सकता है.’ संक्रमण की बारीकियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एरोसोल संक्रमण ड्रॉपलेट्स ट्रांसमिशन से काफी अलग है. ड्रॉपलेट्स 5 माइक्रोन से बड़े पार्टीकल्स होते हैं और वे बहुत दूर तक नहीं जा सकते. सबसे अधिक से अधिक दो मीटर तक जा सकते हैं और फिर जमीन पर गिर जाते हैं.