काशीके कोतवाल बाबा कालभैरवका वार्षिक महाअन्नकूट महोत्सव शुक्रवारको आयोजित किया गया। इस अवसरपर जहां बाबा की नैनाभिराम झांकी सजायी गयी वहीं शुद्ध घी और गंगाजल से बने १०८ प्रकारके पकवानोंका भोग लगाया गया। इस अवसरपर भैरोक्षेत्रमें उपस्थित देवालयोंमें भी अन्नकूट की झांकी सजायी गयी। कालभैरव मन्दिरमें महोत्सवका शुभारंभ ब्रह्मï मुहूर्तमें बाबाके पंचामृत स्नानसे हुआ। सिन्दूर अर्पणके बाद नवीनवस्त्र और मुखौटा धारण कराकर विभिन्न सुगन्धित पुष्पोंकी मालाओं और आभूषणोंसे भव्य झांकी सजायी गयी। शृंगरीके पश्चात थालोंमें सजे पकवानको सजाकर बाबाको अर्पित किया गया। इसके पश्चात आरती कर बाबा की महा अन्नकूट की झांकीका दर्शन श्रद्धालुओंके लिए खोल दिया गया। दर्शन खुलते ही बाबा के जयकारों से समूचा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। ब्रह्मï मुहूर्त से शुरू हुआ दर्शन पूजनका क्रम देर रात तक चला। रात्रि १२ बजे बाबा की महाआरती कर महोत्सवको विराम दिया गया। इस अवसरपर काल भैरव मंदिरका दरबार जहां कामिनी की पत्ती और रंग-बिरंगे फूलोंसे सजा था वहीं बाबाके दरबारमें आने वाले मार्गोंको दुल्हन की तरह सजाया गया था।