जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का जो हश्र हुआ है वैसा हश्र बे आफ बंगाल इनिशिएटिव फार मल्टी सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकोनमिक कोआपरेशन (बिम्सटेक) का नहीं होगा। बिम्सटेक के सभी सातों देशों (भारत, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और थाईलैंड) के प्रमुखों के बुधवार को हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन में पहली बार इस संगठन के चार्टर को मंजूरी मिली। शीर्ष नेताओं के बीच सात क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति बनी है और हर सदस्य देश को एक क्षेत्र में नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लागू हुआ मुक्त व्यापार समझौता
भारत को बिम्सटेक में सुरक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में होने वाले सहयोग का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। यानी भारत बिम्सटेक को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। सदस्य देशों के बीच महत्वाकांक्षी आर्थिक एजेंडे पर काम करने को लेकर भी सहमति बनी है जिसके तहत बिम्सटेक में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में एफटीए का खास तौर पर जिक्र किया।
ज्यादा सक्रिय बनाना पड़ेगा
एक तरह से देखा जाए तो भारत यह तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगा कि बिम्सटेक देशों को किस तरह ज्यादा सुरक्षित बनाया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिम्सटेक को अब ज्यादा सक्रिय बनाना पड़ेगा। उन्होंने सदस्य देशों की क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता दिए जाने को अनिवार्य बताया। उन्होंने सदस्य देशों को सुरक्षा के साथ ही कृषि, कनेक्टिविटी और चिकित्सा क्षेत्र में भारत की तरफ से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।