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श्रीनगर: स्कूल से आने के बाद कैरम बोर्ड खेलने की थी तैयारी, मगर 15 मिनट में दो भाई और मां को निगल गई


श्रीनगर। हर दिन की तरह मंगलवार सुबह भी दोनों जुड़वा भाई मुदासिर व ताहिर (12) एक-दूसरे के साथ नोकझोंक के बीच स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे। रसोईघर में उनके लिए टिफिन तैयार कर रही मां फिरदौसा (37) पत्नी फ्याज अहमद मलिक उन्हें बार-बार टोककर कहती कि जल्दी करो, वरना देर हो जाएगी। चलो शाबाश, मैंने तुम दोनों का बैग भी तैयार कर दिया है।

 

स्कूल से आने के बाद दोनों की कैरम बोर्ड खेलने की थी तैयारी

मां की आवाज सुनते ही दोनों भाई हंसते खिलखिलाते अपने कमरे से निकलक मां के साथ झेलम दरिया के किनारे खड़ी नौका की तरफ बढ़े। घर पर उनका बड़ा भाई अरशद (15) उनके कमरे में फैली चीजों को समेटने लगा। स्कूल निकलने से पहले मुदासिर व ताहिर ने अरशद से कहा था कि वह उनके कैरम बोर्ड को स्टोर रूम से निकाल कर रखे, ताकि स्कूल से आने के बाद वे दोनों खेल सकें।

अरशद ने घटना की बताई आपबीती

लेकिन किसे मालूम था कि झेलम दरिया केवल 15 मिनट में ही उसके दोनों भाईयों मुदासिर व ताहिर के साथ उसकी मां को अपनी लहरों में समा लेगा। झेलम दरिया में मंगलवार को नौका डूबने से मारे गए छह लोगों में फ्याज अहमद मलिक के परिवार के तीन सदस्य भी शामिल थे। फ्याज के पुत्र अरशद ने कहा, मैंने रसोई में पड़े दोनों भाईयों के चाय के कप एक तरफ रखकर अपने लिए भी चाय कप में डाल रहा था कि बाहर से चीख पुकार सुनाई दी।

मैं भागते हुए बाहर निकला तो पता चला कि झेलम में वह नौका डूब गई है। जिसमें मेरे दोनों भाई व मां सवार थी। घर से निकलने के 15 मिनट के भीतर ही सब खत्म हो गया। अपने दोनों भाईयों व मां को दफनाने के बाद घर के एक कोने में सहमा अरशद रो रोकर अपनी मां व दोनों भाईयों को पुकार रहा था।

…मुदासिरा ताहिरा वलवू केरम बोर्ड हा थोवमव कडिथ, वलवू गिंदवू (मुदासिर, ताहिर आ जाओ मैंने तुम्हारे लिए कैरम बोर्ड निकाल कर रखा है, आओ खेलो) …मम्मी में कुसुई शेरि बातह (मां मुझे खाना कौन परोसेगा)। अरशद का बिलखना वहां लोगों के दिल चीर रहा था। वहीं कमरे के दूसरे कोने में बैठा अरशद का पिता फ्याज हर एक से पूछ रहा था, …म्योन खानह वडयो, म्यानिस मकानास दीव नार (मेरा परिवार उजड़ गया, मेरे मकान को आग लगा दो)।

इस परिवार की हालत देख वहां हर आंख नम थी। उनके एक परिजन ने कहा, हम किस-किस की मौत पर रोएं। नका पिता मजदूरी कर उन्हें पाल पोस रहा था। ऐसा ही मंजर उनके पड़ोस में रहने वाले शौकत अहमद सोफी (39) के घर था। पेशे से मजदूर शौकत व उसका नौ वर्षीय पुत्र फाजिक शौकत भी इसी नौका में सवार थे और घटना के बाद से दोनों लापता हैं।

दो जुड़वा भाईयों को एक ही ताबूत में कब्र में गया दफनाया

शौकत अपने बेटे फाजिक जो ताहिर व मुदासिर के साथ ही झेलम के पार बटवारा इलाके के निकट केंद्रीय विद्यालय में पड़ता था, को स्कूल छोड़ खुद भी काम कर चला जाता था। आज भी वह फाजिक को साथ लेकर इसी नौका में सवार हो गया था।

झेलम किनारे पागलों की तरह शौकत व फाजिक को पुकार रही मां बार-बार झेलम की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रही थी। शौकत अपनी चार बहनों का इकतौला भाई था। फाजिक भी अपनी दो बहनों में इकतौला भाई है। शौकत की पत्नी की हालत भी संभलते नहीं संभल रही है। दो जुड़वा भाईयों को एक ही ताबूत में कब्र में दफनाया गया।

कश्मीर में हुए हादसे

  • 30 मई, 2006 : बांडीपोरा में वुलर झील में स्कूली छात्रों को सैर कराते हुए नौसेना की एक नौका पलटी। 15 छात्र और दो अध्यापकों की मौत।
  • 18 जून, 2019: पहलगाम में लिद्दर नदी में नौका पलटने से दो की मौत।
  • 12 जून, 2016 : श्रीनगर के राजबाग में झेलम में तीन पर्यटकों को बचाते शिकारे वाला खुद पानी में समा गया।
  • एक जुलाई, 2022 : वुलर झील में नौका पलटने से एक युवक की मौत।
  • नौ अप्रैल, 2024 : वुलर में नाव पलटने से एक मछुआरे की मौत।