- आक्रोशित परिजनों का आरोप कि काफी इंतजार के बाद नब्ज टटोलने वाला नहीं पहुंचा और चली गयी रोगी की जान
- परिजनों ने अस्पताल में एंबुलेंस में किया तोड़फोड़ प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद मामला शांत
बिहारशरीफ (आससे)। हिंदी दैनिक ‘‘आज’’ में छपी खबर की उस वक्त पुष्टि हो गयी जब सांस में परेशानी को लेकर परिजन एक रोगी को लेकर बीड़ी श्रमिक अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां इलाज करने के लिए कोई चिकित्सक मौजूद नहीं थे और अंततः पीड़ित महिला की मौत हो गयी, जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूटा और एंबुलेंस में तोड़-फोड़ की तथा बवाल काटा। बाद में बीडीओ, सीओ और थानाध्यक्ष के पहुंचने पर मामला शांत हुआ।
बीते कल ही हिंदी दैनिक आज ने इस खबर को प्रमुखता से छापा था कि बिहारशरीफ स्थित बीड़ी श्रमिक अस्पताल जो कोविड केयर सेंटर बना है में ना चिकित्सक जाते है और ना ही स्वास्थ्य कर्मी। आउटसोर्सिंग के रूप में रखे गये युवकों के भरोसे कोविड केयर में भर्ती रह रहे हैं मरीज।
शुक्रवार को इस खबर की पुष्टि उस वक्त हुई जब जहानाबाद के रहने वाले जयप्रकाश पासवान की पत्नी उषा देवी जो बिहारशरीफ में रह रही है की तबियत खराब हुई। सांस लेने में परेशानी के बाद उसे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उसे बीड़ी श्रमिक अस्पताल स्थित कोविड केयर में भेजा गया। परिजनों का आरोप है कि जब वे लोग अस्पताल पहुंचे तो ना वहां चिकित्सक थे और ना ही चिकित्सा कर्मी।
स्थिति यह हुई कि कोई देखने वाला नहीं था और रोगी की मौत हो गयी। लोगों का आरोप है कि किसी ने रोगी का नब्ज तक नहीं टटोला। काफी देर वे लोग इंतजार करते रहे और रोगी तड़पता रहा। इसी बात को लेकर गुस्साये परिजनों ने एंबुलेंस में तोड़-फोड़ की। हालांकि सूचना पाकर पहुंचे बीडीओ, सीओ और थानेदार के प्रयास से स्थिति नियंत्रित हुआ।