* योजना का उद्देश्य जलसंचय के लिए जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार करना लेकिन इससे इतर सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च की जा रही है राशि * पिछले दिनों करोड़ों रुपये जिन तालाबों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के नाम पर हुए खर्च उसपर पुनः पार्ट-2 के तहत दी गयी योजना
बिहारशरीफ (नालंदा)। जल जीवन हरियाली अभियान के उद्देश्यों से भटक रहा है बिहारशरीफ नगर निगम। बिहार सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान का शुभारंभ जल संचय और भू-गर्भीय जलस्तर को बरकरार रखने के उद्देश्य से शुरू किया थाए लेकिन नगर निगम में यह योजना कमाई का जरिया बन गया है। इस योजना में लूट मची है। लाखों रुपये की योजनाओं का कार्यान्वयन हो चुका हैए जिसमें जल संचय से कहीं अधिक पार्षदों द्वारा पैसा संचय रहा है।
जल जीवन हरियाली अभियान का उद्देश्य और कार्यान्वयन के संदर्भ में जो गाइडलाइन निर्गत किया गया था उसमें स्पष्ट किया गया था कि सार्वजनिक जल संचय संरचनाओं यथा तालाब, पोखर, आहर, पईन को चिन्हित कर अतिक्रमणमुक्त कराना तथा सार्वजनिक जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार करना था। इसके साथ हीं कुओं को चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार तथा सार्वजनिक कुआं और चापाकलों के पास सोख्ता निर्माण कराना थाए लेकिन यह योजना नगर निगम में उद्देश्य से भटक चुका है। जल संचय के लिए जल जीवन हरियाली से योजनाएं सैंक्शन तो हो रही हैए लेकिन इसमें जल संचय में कम राशि खर्च होती है अधिक राशि उसके सौंदर्यीकरण यथ घाटए सीढ़ी आदि निर्माण पर हो रहा है।
और तो और नगर निगम क्षेत्र में पूर्व में करायी गयी जल जीवन हरियाली योजनाओं में कई योजनाओं में मोटी राशि की हेराफेरी हुई है। नदी स्रोतों को हीं दो ओर से घेरकर तालाब का शक्ल दिया गया है और इसके नाम पर बहुत बड़ी राशि की निकासी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा जल जीवन हरियाली योजना के तहत पिछले नगर आयुक्त द्वारा 13 जलसंरचनाओं पर 44904730 राशि खर्च करने की स्वीकृति मिली थी। निविदा हुई और काम भी हुआ। इनमें से 12 योजनाओं पर काम या तो पूरा हो चुका है या चल रहा है। एक योजना हटिया तालाब का सौंदर्यीकरण जिसपर 2612600 रुपये खर्च होना था को छोड़कर बाकी योजनाओं की राशि की निकासी हुई है।
जल जीवन हरियाली के तहत स्वीकृत इन योजनाओं में शहर के तालाब शामिल है। योजना का नाम से हीं यह पता चलता है कि योजना जलसंचय के लिए नहीं बल्कि सौंदर्यीकरण के लिए बनी है और जिसपर बड़ी राशि खर्च हुई है। शहर के वार्ड संख्या 13, 31, 6, 10, 14, 44, 3, 46, 12, 25 में एक-एक तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना स्वीकृत हुईए जबकि वार्ड संख्या 29 में दो योजनाएं स्वीकृत हुई। वार्ड संख्या 6 आशानगर पानी टंकी के नजदीक तालाब सौंदर्यीकरण की एक योजना 5191900 रुपये की हुईए जिसके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचाने नदी के पुराने भाग को दो ओर से मिट्टी डालकर तालाब का शक्ल दे दिया गया और लाखों रुपये की निकासी कर दी गयी। इस तालाब में सौंदर्यीकरण भी नहीं हुआ।
सूत्रों की मानें तो जिन पार्षदों के क्षेत्र में पहले चरण में जल जीवन हरियाली योजना के तहत तालाब सौंदर्यीकरण की राशि मिली थी अब एक बार फिर वैसे लोग शहर में तालाब की तलाश में थे और लाखों करोड़ों की योजनाएं बनायी। कुछ तो ऐसे भी योजना है जो पिछले बार बनाया गयाए राशि निकासी की गयी और अब उसका पार्ट टू भी तैयार किया गया। शहर में सात ऐसे तालाब को फिर से सौंदर्यीकरण पार्ट-2 में शामिल किया गयाए जिसमें पार्ट-1 के तहत लाखों रुप्ये की निकासी हुई।
पिछली बार अशरफ अली के मकान के नजदीक के तालाब का सौंदर्यीकरण के नाम पर 2260700 रुपया की निकासी हुई। अब इसी योजना का पार्ट-2 बनाया गयाए जिसकी प्राक्कलित राशि 5878014 है। इसी प्रकार आशानगर पानी टंकी के पास तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर पहले खेप में 5191900 की राशि निकासी हुई अब उसका पार्ट-2 जिसमें रिटेनिंग वॉल, बाउंड्री वॉल आदि शामिल कर फिर से 7428800 की योजना तैयार है। इसी प्रकार लोहगानी तालाब के सौंदर्यीकरण का पार्ट-2 बनाया गया हैए जिसकी प्राक्कलित राशि 7650700 है। इसके पूर्व इसी तालाब पर 5095500 की राशि निकाली जा चुकी है। वार्ड सख्ंया 13 का मियां तालाब का सौंदर्यीकरण का पार्ट-2 5259200 के प्राक्कलन के साथ तैयार है। इसके पूर्व फेज वन में 4719600 की राशि खर्च हो चुकी है।
वार्ड संख्या 14 का दमुआ तालाब का सौंदर्यीकरण पार्ट-2 पर 5259200 खर्च करने की तैयारी हैए जबकि पूर्व में इस तालाब के सौंदर्यीकरण पर 5822800 की राशि निकाली जा चुकी है। वार्ड संख्या 31 के छुतहरी तालाब का सौंदर्यीकरण का पार्ट-2 1787200 की लागत से स्वीकृति की तैयारी में हैए जबकि इसी तालाब पर पूर्व में सौंदर्यीकरण के नाम पर 1781200 की निकासी भी हो चुकी है। शहर के वार्ड संख्या 44 पहड़पुरा देवी स्थान तालाब का सौंदर्यीकरण का पार्ट-2 पर 2931500 खर्च करने की तैयारी हैए जबकि पूर्व में इस योजना पर 4566100 रुपया खर्च हो चुका है।
बिहारशरीफ शहर में जहां एक ओर सड़कें टूटी हुई हैए गलियों में कीचड़ लग रहा हैए नालियां गली और सड़क पर बह रही है। अधिकांश इलाकों में रोशनी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। इस पर राशि खर्च करने के बजाय जल जीवन हरियाली योजना की आड़ में निगम में लूट चल रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जल जीवन हरियाली के उद्देश्यों से इतर योजनाएं ली जा रही है और उस पर राशि खर्च हो रहा है।
दिलचस्प बात तो यह है कि अधिकारियों ने भी इस पर लगाम नहीं लगायी। सूत्रों की मानें तो नये नगर आयुक्त ने प्रभार लिया है और अब फिर एक बार जल जीवन हरियाली योजना के जरिये लोग अपनी चाहत साधने में जुट चुके है। अब तो आने वाला समय हीं बतायेगा कि जल जीवन हरियाली के नाम पर सरकारी राशि की आगे भी बंदरबांट होती है या नये अधिकारी इस पर लगाम लगा पाते है।