पटना

कटिहार: आजादी की लड़ाई के नायक थे पिता, अब तंगी में रिक्शा चलाकर पेट पाल रहा बेटा


कटिहार देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले कटिहार जिला के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय अनुप लाल पासवान की दूसरी पीढ़ी आज दाने-दाने को मोहताज है। कटिहार जिला के मनिहारी अनुमंडल वार्ड नंबर 15 सिमबुडी गांव के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी अनुप लाल पासवान के दूसरी पीढ़ी में उनके तीन बेटे हैं। तीन बेटों में से बड़ा बेटा इंद्रजीत गोताखोर का काम करता है, कुमारजीत मजदूरी जबकि तीसरा बेटा अमर सिंह पासवान रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता है।

इंद्रजीत कहते हैं कि 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेते हुए उनके पिता मनिहारी स्टेशन की रेल पटरी उखाड़ने, मनिहारी थाना, पोस्ट ऑफिस के दस्तावेज जलाने और मनिहारी गंगा तट के पीर मजार के पीछे तीन जहाज में जमा अंग्रेजों के रसद लूट लेने और नदी में बहा देने के आरोप में 5 साल से अधिक समय तक जेल की सजा काट चुके हैं जिसका दस्तावेज आज भी उनके पास मौजूद है।

इसी को लेकर उनके पिता को भारत सरकार ने ताम्रपत्र से भी सम्मानित किया है मगर उनके जीवित काल में पेंशन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है। अब पिताजी के स्वर्गवास के बाद स्वतंत्रता सेनानी का यह परिवार सम्मान के साथ जीने के लिए संघर्ष कर रहा है।

इस मामले में मनिहारी अनुमंडल पदाधिकारी आशुतोष द्वेदी कहते हैं कि प्रशासन को स्वतंत्रता सेनानी के इस परिवार की बदहाली के बारे में जानकारी ही नहीं थी। अब जानकारी मिली है तो निश्चित तौर पर सरकारी स्तर पर जो भी सहयोग होगा मुहैया वो इस परिवार को करवाया जाएगा।