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- 18 पंचायत का नहीं रहा अस्तित्व, 19 पंचायत समिति तथा 286 वार्ड भी हुआ नगर निकायों का हिस्सा
- जिला परिषद् के क्षेत्रों की संख्या में नहीं हुआ बदलाव यह रहा पूर्ववत 34
- जिले में अब 249 की जगह 231 मुखिया, 342 के जगह 323 पंचायत समिति सदस्य, 3391 वार्ड पार्षद की जगह 3105 होंगे वार्ड पार्षद
- जिले में सरपंच का 18 तथा पंच का 286 पद हुआ समाप्त
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बिहारशरीफ (आससे)। जिले में पंचायती राज चुनाव का आगाज दूसरे फेज से होना है। इसके साथ हीं चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। पिछले दिनों जिले में कई नये नगर पंचायत के गठन, नगर पंचायत को नगर परिषद् में उत्क्रमित किये जाने तथा बिहारशरीफ नगर निगम का क्षेत्र विस्तार किये जाने के बाद जिले में पंचायती राज संस्थानों में व्यापक बदलाव हुआ है। कई पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया। कई पंचायत समिति का पद नहीं रहा वहीं वार्ड पार्षदों का पद भी कम हुआ है। हालांकि जिला परिषद् सदस्यों की संख्या पूर्ववत रही है।
पंचायती राज शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 18 ग्राम पंचायत का अस्तित्व समाप्त हो गया है। जबकि 286 वार्ड पार्षदों तथा 19 पंचायत समिति सदस्य का पद समाप्त हो गया है। जबकि जिला परिषद् सदस्यों की संख्या पूर्ववत 34 रह गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहारशरीफ प्रखंड में मघड़ा, वियावानी, तुंगी नाम का कोई ग्राम पंचायत नहीं रह गया है। तीनों ग्राम पंचायत को बिहारशरीफ नगर निगम में समाहित कर लिया गया है। जबकि मुरौरा पंचायत के चार तथा राणा बिगहा पंचायत के चार वार्ड क्षेत्रों को नगर निगम में जोड़ दिया गया है।
इसी प्रकार एकंगरसराय प्रखंड के एकंगरसराय एवं दनियावां पेंदापुर नामक पंचायत अब नहीं होगा। इन पंचायतों के 28 वार्ड पार्षद का अस्तित्व भी समाप्त हो गया है। अस्थावां प्रखंड के अस्थावां ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के बाद वहां एक मुखिया का पद जहां समाप्त हो गया है, वहीं 20 वार्ड पार्षदों का पद भी समाप्त हो चुका है। इसी प्रकार परबलपुर प्रखंड के शंकरडीह नाम का अब कोई पंचायत नहीं होगा। इस पंचायत के 20 में से 18 वार्ड क्षेत्रें को नगर पंचायत में समाहित किया गया है, जबकि दो वार्ड क्षेत्रें को सब्बैत पंचायत में जोड़ दिया गया है।
राजगीर नगर पंचायत को नगर परिषद् बनाये जाने के बाद पिलखी, नई पोखर तथा मेयार नामक पंचायत समाप्त हो गया है। पिलखी का पूरा क्षेत्र नगर परिषद् का हिस्सा होगा, जबकि नई पोखर के तीन वार्ड, मेयार के चार वार्ड तथा नाहूब के दो वार्ड को भी नगर परिषद् में जोड़ दिया गया है।
गिरियक प्रखंड के गिरियक और पोखरपुर पंचायत अस्तित्व में नहीं रहा। जबकि आदमपुर पंचायत के दो वार्ड और दुर्गापुर पंचायत के दो वार्ड को नगर पंचायत में जोड़ा गया है। आदमपुर पंचायत अब सतौआ पंचायत के नाम से जाना जायेगा।
रहुई नामक अब कोई ग्राम पंचायत नहीं होगा। यहां के सभी 17 वार्डों को रहुई नगर पंचायत में जोड़ा गया है। इतासंग भदवा पंचायत के चार वार्ड का जबकि इसी प्रखंड के मोरा तालाब पंचायत के चार वार्डे बिहारशरीफ नगर परिषद् में जोड़ा गया है। नूरसराय प्रखंड के ममूराबाद पंचायत के चार वार्ड अब नालंदा नगर पंचायत का हिस्सा होगा। जबकि सरमेरा नाम का अब कोई पंचायत नहीं होगा। यह नगर परिषद् बनाया गया है। पंचायत के कुछ वार्डों को ससौर ग्राम पंचायत में जोड़ा गया है। हुसेना पंचायत के पांच वार्डों को सरमेरा नगर पंचायत में जोड़ा गया है।
इधर हरनौत नगर पंचायत बनने के बाद सबनहुआ नाम का कोई ग्राम पंचायत नहीं होगा। इस पंचायत के 16, डिहरी पंचायत के दो, चेरन पंचायत के 9 और बस्ती पंचायत के सात वार्डों को हरनौत नगर पंचायत से जोड़ दिया गया है। डिहरी ग्राम पंचायत रह गया है, लेकिन चेरन नामक अब पंचायत नहीं होगा। यहां के बचे वार्डों को मुढ़ारी पंचायत में जोड़ा गया है, जबकि बस्ती नामक भी अब कोई ग्राम पंचायत नहीं होगा। यहां के बचे वार्डों को नोहसा ग्राम पंचायत में जोड़ा गया है।
इसी प्रकार चंडी नगर पंचायत गठन के बाद भगवानपुर नगर पंचायत के आठ वार्ड तथा हसनी पंचायत के दो वार्ड को चंडी नगर पंचायत में जोड़े जाने के बाद भगवानपुर नामक अब कोई ग्राम पंचायत नहीं होगा। इसके बचे वार्ड अमरौरा पंचायत का हिस्सा होगा। इसके साथ हीं चंडी ग्राम पंचायत के सभी 10 वार्ड नगर निकाय का हिस्सा होगा और अब यह नगर पंचायत है।
सिलाव प्रखंड में बड़गांव और सूरजपुर नामक अब ग्राम पंचायत नहीं होगा। बड़गांव के 13 तथा सुरजपूर के सात के अलावा कुल-फतेहपुर का नौ गांव नालंदा नगर पंचायत का हिस्सा बन गया है। इसके साथ हीं कुल-फतेहपुर भी अब ग्राम पंचायत नहीं रहा। यहां के बचे दो वार्ड पिलखी ग्राम पंचायत का हिस्सा हो गया है।
इस प्रकार जिले में जहां पूर्व में 249 ग्राम पंचायत थे वह अब घटकर 231 रह गया है। 18 ग्राम पंचायत का अस्तित्व नहीं बचा है। पंचायत समिति का पूर्व में 342 क्षेत्र था जिसमें 19 का अस्तित्व खत्म हो चुका है। अब जिले में पंचायत समिति की संख्या 323 रह गयी है। जबकि जिले में पूर्व में 3391 वार्ड था जो अब घटकर 3105 रह गया है। यानी कि 286 वार्ड अब नगर निकाय का हिस्सा हो गया है।