पटना

बिहारशरीफ: यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल छात्रों को सता रही है अपने भविष्य की चिंता


छात्र-छात्राओं की आपबीती सुनकर कांप रही है रूह

बिहारशरीफ। यूक्रेन मे पढ़ रहे अधिकांश मेडिकल छात्र या तो वतन लौट चुके है या फिर लौटने के कगार पर है, लेकिन अब इन छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। कई ऐसे भी छात्र है, जो मेडिकल के तृतीय या फिर अंतिम वर्ष के छात्र है। कुछ ने तो फाइनल इक्जाम भी दे रखा है, जिनका इंटर्नशिप बाकी रहा है। ऐसे लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। वजह यह है कि इन छात्रों की अब पढ़ाई वापस यूक्रेन में हो पायेगी यह कह पाना मुमकिन नहीं है। युद्ध की विभीषिका झेल रहे यूक्रेन की स्थित आगे क्या होगी यह भविष्य के गर्त में है। ऐसे में ये बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। इनके अभिभावक इससे इतर इस बात को लेकर खुश है कि उनके बच्चे सकुशल देश वापस आ चुके है।

यूक्रेन से आज वापस लौटे कुछ छात्रों ने आपबीती बतायी। कई छात्रों को युद्ध के कारण बंकर में 24 घंटे तक भूखे और प्यासे बिताना पड़ा। छात्र बताते है कि जैसे ही अलार्म बजता था रूह कांप जाती थी और ऐसे में बंकर और बोतल की पानी पर हीं जिंदगी की डोर टिकी होती थी। किव शहर से लौटे बच्चों की आपबीती कुछ ज्यादा ही रूह कंपाने वाली है। इनमें से कई बच्चों ने तो एडवाइजरी जारी होने के बाद वतन लौटने की टिकट भी ले रखी थी, लेकिन रिटर्निंग फ्लाईट के पहले ही युद्ध शुरू हो गया। ट्रेनों पर चढ़ने की जगह नहीं थी। हालांकि कई छात्रों ने बस से तो कई ने पैदल चलकर बॉर्डर पार किया। 05 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा और ऐसे में भोजन के नाम पर बिस्किट और ब्रेड का पैकेट ही एकमात्र सहारा था।