- दरभंगा: पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बाद बिहार के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में सुविधाओं का हाल बेहाल है।
समस्तीपुर, मधुबनी और सहरसा सहित कई जिलों के निवासी डीएमसीएच पर निर्भर हैं, लेकिन इस मेडिकल कॉलेज की तस्वीरें देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। कचरे और जलजमाव से भरे अस्पताल परिसर में सुअर और गाय टहलते हुए देखे जा सकते हैं।
आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात नर्सों को गंदे पानी के कुंडों को पार करते देखा गया। एक नर्स दीपा कुमारी ने कहा कि वे 27 साल से इस स्थिति का सामना कर रही हैं और मानसून के दौरान स्थिति और खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा करने के लिए मजबूर हैं।
डीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक मणिभूषण शर्मा के कार्यालय को भी नहीं बख्शा गया है। खुद को गंदे पानी में भीगने से बचने के लिए शर्मा को अपने कार्यालय तक पहुंचने के लिए एक गार्ड और ड्राइवर की मदद लेनी पड़ती है।
पूछने पर शर्मा ने कहा कि स्थिति कोई नई नहीं है, क्योंकि यह अस्पताल काफी पुराना है और निचले इलाके में स्थित है। कोविड की स्थिति और कोविड रोगियों के लिए सुविधाओं पर उन्होंने कहा कि वे प्रशासन के समर्थन से दिन-रात लड़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर को संभालने के लिए जनशक्ति की कमी है। शर्मा, जो खुद कोरोना वायरस से उबर चुके हैं, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी भी कोविड पॉजिटिव है, लेकिन तमाम बाधाओं के बावजूद वह मरीजों की रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।