सभी अस्पतालों में चल रहा लिक्विड आक्सीजन बनाने का काम
(आज समाचार सेवा)
पटना। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार में ११ नये मेडिकल कालेज खोले जायेंगे जबकि वर्तमान समय में २० मेडिकल कालेज काम कर रहे हैं। श्री पाण्डेय गुरुवार को विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के बजट विमर्श पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में बीएलसी नर्सिंग की पढ़ाई चल रही है। उन्होंने बताया कि १३ स्थानों पर १०० बेड के फिल्ड अस्पताल खोले जा रहे हैं। २० मिनट में शहरों में तथा ३० मिनट में गांवों में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। आधुनिकीकरण के हर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने नयी ऊंचाई हासिल की है। राज्य ने न सिर्फ कोरोना संकट को मजबूती से झेला बल्कि विधानसभा का चुनाव भी करवाया। निर्वाचन आयोग ने अन्य राज्यों से बिहार से सीख लेने की सलाह दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज भी बिहार में प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख कोरोना जांच प्रतिदिन हो रही है। पहले आरटीपीसीआर जांच का सैंपल बाहर जाता था। आज पूरे राज्य में ६८ आरटीपीसीआर लैब कार्यरत हैं। यही नहीं ओमिक्रॉन की जांच भी आईजीआईएमएस में बखूबी की जा रही है। यह जांच देश के चुनिंदा राज्यों में ही उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन एक बड़ी चुनौती थी, जिस दबाव में सरकार ने तत्परता से लोगों की जान बचायी, उसे पूरी जनता जानती है। आज राज्य के सारे अस्पतालों में लिक्विड आक्सीजन का काम तेजी से हो रहा है। आज हम ४८८ मेट्रिक टन आक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। कोरोना के समय हम लोगों ने स्पीड पोस्ट से कोरोना किट की डिलेवरी करवायी। यह देश के लिए पहला उदाहरण था, जिसे बाद में अन्य राज्यों ने भी अपनाया।
उन्होंने कहा कि आज राज्य में १२ करोड़ ३३ लाख कोरोना का डोज लोगों को दिया जा चुका है। एएनएम के कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं प्रतिदिन कोरोना संक्रमण की मॉनिटरिंग कर रहे थे। अब १७ मार्च से १२ वर्ष से ऊपर के उम्र के लोगों को भी कोरोना टीका दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े १०१ लोगों के परिजनों को ५०-५० लाख रुपया मुआवजा दिया गया।