पटना (आससे)। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सत्रावधि के दौरान कैंटीन में लिट्टी चोखा उपलब्ध रहेगा। मंगलवार को सदन की कार्यवाही खत्म होने के पहले यह घोषणा की उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान उसकी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासतों से भी है। इस पहचान को तब और व्यापकता मिलती है, जब यह भाव, भजन तथा भोजन की त्रिवेणी से जुटती है।
रामायण में वर्णित भगवान श्रीराम के अहिल्या उद्धार, महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि और ताडिक़ा वध के लिए मशहूर बक्सर में हर वर्ष मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से पंचकोशी मेले की शुरूआत होती है। इसके अंतिम दिन श्रद्धालुओं द्वारा लिट्टी-चोखा का मशहूर महाप्रसाद बनाकर ग्रहण किया जाता है। इस मेला में सब भेदभाव मिट जाते हैं और अद्भुत सामाजिक समरसता दिखाई देती है। मान्यता कि भगवान श्रीराम ने यहाँ लिट्टी-चोखा जैसा व्यंजन बनाकर खाया था, जिसके उपलक्ष्य में यह परंपरा अनवरत जारी है। इस वर्ष यह पंचकोशी मेला 24 से 28 नवंबर तक चला।
अपनी विरासत और अपनी पहचान को व्यापक बनाना हमसब की जिम्मेवारी है और माननीय मुख्यमंत्री जी की हमेशा यह इच्छा रही है कि प्रत्येक भारतीय की थाली में कम से कम एक बिहारी व्यंजन हो। मुझे आपको बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि सत्रावधि के दौरान विधान सभा कैंटीन में लिट्टी-चोखा की व्यवस्था भी कर दी गयी है। उम्मीद है कि आप सबको यह व्यवस्था अच्छी लगेगी।