रसायन के नोबल प्राइज के लिए किया गया था नाम आमन्त्रित
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बुधवार को मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विज्ञान के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय प्रोफेसर सन्त सिंह का शताब्दी जन्मदिवस मनाया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान संस्थान एवं इण्डियन सोसाइटी आफ स्वायल साइन्स, वाराणसी चैप्टर की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर एक ब्रेन स्टार्मिग सत्र का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने डाक्टर सन्त सिंह की प्रतिमा पर श्रद्दा सुमन समर्पित किया गया। विदित हो कि प्रोफेसर सिंह का जन्म छ:जनवरी १९२१ में वाराणसी के शाहंशाहपुर गाँव में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई। उन्होंने विश्व प्रसिद्द राथमस्टेड इक्सपेरीमेन्ट स्टेशन, लंदन विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी। सन् १९४७ में तत्कालीन वाइस चांसलर डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने डाक्टर सिंह को इस विश्वविद्यालय में प्रवक्ता के पद नियुक्त किया था। मृदा विज्ञान में उत्कृष्ट अनुसंधान के आधार पर नोबेल प्राइज कमेटी, स्वीडन ने १९७० में डाक्टर संत सिंह के नाम को रसायन के नोबल प्राइज के लिए आमन्त्रित किया था। डाक्टर सिंह ने कुल ३३ पीएचडी और एक डी एस-सी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया था जो अनेक बड़े- बड़े पदों पर आसीन हुए थे। कार्यक्रम में संकाय प्रमुख प्रोफेसर आनन्द प्रकाश सिंह ने प्रोफेसर सन्त सिंह द्वारा किए गये वैज्ञानिक कार्यों, मृदा विज्ञान विभाग तथा कृषि विज्ञान संस्थान में किए गये शैक्षणिक एवं प्रशासनिक योगदान पर प्रकाश डाला तथा उनके जीवन से सम्बन्धित कई प्रेरणादायक एवं रोचक प्रसंगो को साझा किया।