बेगूसराय (आससे)। शिक्षा विभाग ने दामाद पर की कार्रवाई तो वही ससुर को इससे अलग रखा। इस तरह की चर्चाएं शिक्षकों के बीच हो रही है। बताते चलें कि सिस्टर निवेदिता कॉलेज कोलकाता से प्राप्त डिग्री पर बहाल हुए 5 शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर वेतन स्थगित का आदेश तत्कालीन डीपीओ स्थापना नसीम अहमद ने दी थी। लेकिन तबादले के बाद ही तत्कालीन डीपीओ स्थापना रवि कुमार के पदभार ग्रहण करते ही उन सभी शिक्षकों का वेतन रिलीज कर दिया गया।
वहीं वर्तमान में डीपीओ स्थापना सुमन शर्मा ने 2 शिक्षकों को सेवा समाप्त करने से संदर्भित पत्र संबंधित नियोजन इकाई को लिखा। ज्ञात हो कि पंचायत के प्राथमिक विद्यालय चेरिया के महेश ठाकुर एवं गढ़पुरा प्रखंड के मध्य विद्यालय मछराहा के संगीता सिन्हा को सेवा समाप्त करने का आदेश 17 फरवरी को निकाला गया। इस पत्र के निकलते ही शिक्षकों के बीच काफी चर्चा का विषय रहा कि दमाद महेश ठाकुर पर तो कार्रवाई हो गई है। वहीं सदर प्रखंड के सहायक शिक्षक ससुर घनश्याम वियोगी मध्य विद्यालय मारवाड़ी भजनाश्रम पर करवाई नहीं हुई।
प्राथमिक विद्यालय रामानंद नगर के दिलीप ठाकुर तो वही सहायक शिक्षक मध्य विद्यालय हनुमानगढ़ी के दिनेश्वर ठाकुर के ऊपर कोई करवाई नहीं होना संदेह के घेरे में शिक्षा विभाग को ला रहा है। बताते चलें कि 2019 में ही तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी साकेत बिहारी ने स्थापना डीपीओ नसीम अहमद को पत्र लिखा था की सदर प्रखंड में 4 शिक्षक सिस्टर निवेदिता कॉलेज से डिग्री लेकर बहाल हुए हैं जो कि अमान्य है।
प्राथमिक शिक्षक निदेशक शिक्षा निदेशक के पत्रांक 71 के आलोक में डीपीओ स्थापना सुमन शर्मा ने 2 शिक्षकों पर तो कार्रवाई कर दी थी। वहीं दिलीप ठाकुर का दस्तावेज का उपलब्ध नहीं होना संलिप्तता को दर्शाता है तो वही घनश्याम वियोगी और दिनेश ठाकुर पर भी कब कार्रवाई होगी।
जबकि तत्कालीन बीईओ विजय पांडेय ने भी करवाई के संदर्भ में डीपीओ स्थापना को पत्र लिखा था। इस तरह के तमाम सवाल शिक्षक समाज में उठने लगे हैं आखिरकार इन सभी शिक्षकों को कौन बचा रहा है। क्या विभाग की मिलीभगत है या फिर जानबूझकर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इस संदर्भ में डीपीओ स्थापना सुमन शर्मा से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षकों को भी कार्रवाई के अधीन रखा गया है जिस पर जल्द ही निर्णय ली जाएगी।