देहरादून। भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड राज्य काफी संवेदनशील है। राज्य में समय समय पर आने वाले भूकंप से लोग दहशत में आ जाते हैं। वर्ष 1991 में भूकंप से उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में तबाही मची थी। इसमें करीब 700 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
भूकंप से 1991 में उत्तरकाशी में मची थी तबाही
वर्ष 1918 में उत्तरकाशी में आए भूकंप ने तबाही मचा दी थी। इसके बाद 20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी में विनाशकारी भूकंप आया। इसकी तीव्रता 6.8 थी। भूकंप में उत्तरकाशी के जिले के कई गांवों में तबाही मच गई थी। भूकंप के चलते पूरे जनपद में 768 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 1800 लोग घायल हुए थे। वहीं, तीन हजार परिवार बेघर हो गए थे।
उत्तरकाशी में आए बड़े भूकंप
- दिनांक———–भूकंप की तीव्रता
- 20 अक्तूबर 1991— 6.8
- 29 मार्च 1999——–6.8
- 21 सितंबर 2009 — 4.7
- 4 अप्रैल 2011——–5.7
- 20 जून 2011——– 4.6
- 10 फरवरी 2012——5.0
- 25 अप्रैल 2015—— 7.8
- 7 फरवरी 2017 ——5.8
- 7 जून 2018———–4.4
- 6 नवंबर 2022———4.5
जोन पांच में आता है उत्तराखंड, उत्तरकाशी बेहद संवेदनशील
उत्तराखंड जोन पांच में आता है। राज्य के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले और कुमाऊं मंडल के कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से सर्वाधिक संवेदनशील हैं। इन क्षेत्रों में भी उत्तरकाशी जनपद बेहद संवेदनशील है।
भूकंप के 29 से अधिक सक्रिय फाल्ट
देहरादून में 5 लाख से एक करोड़ वर्ष पुराना शहंशाही आश्रम फाल्ट के साथ मोहंड फाल्ट (हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट) है। इसके अलावा 29 अन्य भूकंपीय फाल्ट लाइन विभिन्न क्षेत्रों में हैं।
एक सप्ताह के अंदर 4 बार डोली धरती
उत्तराखंड में एक सप्ताह के अंदर चार बार भूकंप के झटके आए। नौ नवंबर को नेपाल में आए भूकंप के झटके पूरे उत्तराखंड में महसूस किए गए। इसके पांच घंटे बाद ही पिथौरागढ़ में भूकंप आया। वहीं, आज शनिवार को दो बार उत्तराखंड की धरती डोली। पहला झटका शाम करीब साढ़े चार बजे आया, जबकि दूसरा झटका रात करीब आठ बजे आया।