नई दिल्ली, । सरकार की ओर से मार्च के थोक मुद्रास्फीति (WPI Inflation) के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Program Implementation)ने बताया है कि मार्च में थोक मुद्रास्फीति 1.34 प्रतिशत रही है, जो कि फरवरी में 3.85 प्रतिशत थी। इससे पहले जनवरी में ये आंकड़ा 4.73 प्रतिशत और दिसंबर में 4.95 प्रतिशत था। वहीं, पिछले साल मार्च में थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा 14.63 प्रतिशत का था।
यह लागातार दसवां महीना है, जब थोक मुद्रास्फीति में गिरावट हुई है। लगातार थोक मुद्रास्फीति में गिरावट होना इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में खुदरा महंगाई में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
महंगाई में गिरावट के पीछे का कारण
मंत्रायल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मार्च में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का बड़ा कारण मेटल, खाद्य उत्पाद, टेक्सटाइल, मिनरल, रबर, प्लास्टिक उत्पाद, क्रूड, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पेपर और पेपर उत्पादों की कीमत में गिरावट होना है।
किन चीजों के कम हुए दाम
थोक महंगाई सब्जियों में -2.22 प्रतिशत, ऑयलसीड में -15.05 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स में महंगाई 1.94 प्रतिशत से गिरकर -0.77 प्रतिशत, पावर और फ्यूल बास्केट में महंगाई 14.82 प्रतिशत से गिरकर 8.96 प्रतिशत और गेंहू और दालों में महंगाई दर 9.16 प्रतिशत और 3.03 प्रतिशत पर आ गई है।
खुदरा मुद्रास्फीति भी आई गिरावट
सरकार की ओर से पिछले हफ्ते जारी किए गए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में भी कमी देखने को मिली थी। इस कराण खुदरा महंगाई दर 15 महीनों के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर पहुंच गई है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6.44 प्रतिशत थी।
बता दें, आरबीआई की ओर से महंगाई दर को कम करने ब्याज दरों को लगातार बढ़ाया जा रहा है। पिछले साल मई 2022 से अब तक रेपो रेट 2.50 प्रतिशत बढ़कर 4.00 प्रतिशत से 6.50 प्रतिशत हो गया है।