हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दो अफसरों ने पहले कहा था कि मेहुल चोकसी की नागरिकता पिछले साल ही किसी समय रद्द कर दी गई थी. इसके बाद वह नागरिकता रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ एंटिगा की कोर्ट में केस लड़ रहा है.
हालांकि भारत में मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है, ‘मेरे क्लाइंट मेहुल चोकसी ने साफ किया है कि वह एंटिगा के नागरिक हैं. उनकी नागरिकता रद्द नहीं की जा रही.’ वहीं एंटिगा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन के चीफ ऑफ स्टाफ लियोनेल हर्स्ट ने कहा है कि मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द करने की प्रक्रिया खत्म होने में थोड़ा समय लग सकता है.
लियोनेल ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि सरकार ने चोकसी की नागरिकता रद्द करने की कोशिश की लेकिन चोकसी ने एंटिगा और बारबुडा हाईकोर्ट में इसके खिलाफ केस दायर कर दिया. उनका कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को खत्म होने में करीब 7 साल का समय लग सकता है. अगर चोकसी हाईकोर्ट में केस हारता है तो वह कोर्ट ऑफ अपील्स और लंदन की द प्रिवी काउंसिल में भी अपील कर सकता है.