नयी दिल्ली। यूनियन एएमसीने शनिवार को अपनी विकास रणनीति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य बी 30 शहरों से मिल रहे ग्रोथ खासकर एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) को दोगुना कर 10,000 करोड़ करना है।पिछले कुछ वर्षों में अपने परिचालन के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ स्वामित्व में महत्वपूर्ण बदलावों के साथ यूनियन एएमसी, एक उच्च वृद्धि प्रक्षेप पथ पर उतरने के साथ ही अपने नए अवतार या यूं कहें संस्करण 2.0 के रूप में सामने आने को तैयार है। फर्म एक अग्रणी भारतीय बैंक यूनियन बैंक और एक प्रमुख जापानी विदेशी वित्तीय संस्थान दाइ-ची लाइफ होल्डिंग्स, आईएनसी द्वारा सह प्रायोजित है। यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जी. प्रदीप कुमार ने कहा कि एएमसी ने एक अत्यधिक मजबूत निवेश प्रक्रिया को लागू किया है, परिणामस्वरूप यूनियन एएमसी की विभिन्न योजनाओं का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।कंपनी एफपीआई मार्ग के जरिए दाई-ची के लिए एक पोर्टफोलियो का प्रबंधन भी करती है। वर्ष 2020 में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय भी देखने को मिला। उन्होंने कहा कि ग्रोथ स्रेिवटजी को सक्षम करने में मदद करने के लिए इस सम्मिलित इकाई के पास शाखाओं के लिहाज से ज्यादा संसाधन हैं। यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) विनय पहाडिय़ा ने कहा कि निवेश संबंधी हमारे सभी निर्णय हमारी निवेश प्रक्रिया द्वारा निर्देशित हैं। निश्चित आय की बात करें तो, हमारा मानना है कि आर्थिक विकास पूरी तरह से पुनर्जीवित होने तक निकट अवधि में ब्याज दर नरम रह सकता है। हमारे अनुसार, इक्विटी और फिक्स्ड इनकम मार्केट दोनों के लिए प्रमुख रिस्क फैक्टर मुद्रास्फीति में कोई अप्रत्याशित वृद्धि होगी, जिससे ब्याज दरों में वृद्धि होगी।