नई दिल्ली, । मेटा (Meta) ने कहा है कि उसका वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक को यूरोप से हटाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उसने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह दर्शाया था कि सख्त डेटा कानूनों के कारण उसे ऐसा करना पड़ सकता है। यूरोप की सरकार मेटा (Meta) को यूरोप के डेटा को अमेरिका स्थित सर्वरों में भेजने से रोकना चाहती है। वहीं, अपने रेवेन्यू का लगभग 98 फीसदी विज्ञापन से कमाने वाली कंपनी मेटा का कहना है कि इससे विज्ञापनों को टारगेट करने की उसकी क्षमता सीमित हो जाएगी।
आपको बता दें कि यूरोपीय संघ और अमेरिका ने 2016 में यूरोपीय संघ से यूएस में स्थानांतरित होने वाले डेटा के लिए डेटा ट्रांसफर फ्रेमवर्क पर सहमति व्यक्त की थी, जिसे प्राइवेसी शील्ड के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन यूरोपीय संघ के न्यायालय ने जुलाई 2020 में इस सहमति को यह कहते हुए अमान्य कर दिया था कि प्राइवेसी शील्ड ने अमेरिकी अधिकारियों को उचित सुरक्षा उपायों और निवारण के प्रभावी तंत्र के बिना यूरोपीय संघ के निवासियों पर व्यक्तिगत डेटा प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया है।
70 अन्य कंपनियां भी करती हैं डेटा ट्रांसफर
सोमवार को मेटा ने कहा कि बेशक उसकी यूरोप से हटने की कोई इच्छा नहीं है। मेटा, कई अन्य व्यवसायों, संगठनों और सेवाओं की तरह ही वैश्विक सेवाओं को संचालित करने के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच डेटा ट्रांसफर पर निर्भर करता है। मेटा ने जानकारी दी कि वे अकेले नहीं हैं जो ऐसा करते हैं। उसने बताया कि 10 यूरोपीय व्यवसायों समेत कम से कम 70 अन्य कंपनियों हैं, जो ऐसा करती हैं।