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- ईको-टूरिज्म की मॉनिटरिंग के लिए होगी अलग इकाई जिसके लिए 224 पद का सृजन
- सरकार का उद्देश्य नेचर सफारी देश का सर्वश्रेष्ठ ईको-टूरिज्म बने
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बिहारशरीफ। नेचर सफारी एवं जू सफारी में सुविधा विस्तार के साथ हीं पर्यटकों की सहूलियत और वन्य जीवों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने दोनों हीं संस्थानों के लिए 67 पदों का सृजन किया है। साथ हीं नेचर सफारी में पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए तत्काल उन्हें सुविधा का ख्याल रखकर 35 वाहनों का क्रय की स्वीकृति दी है।
आज हुए मंत्रीमंडल की बैठक में राज्य मंत्रीपरिषद् ने कई महत्वपूर्ण सौगात दिया है। इसके तहत इको-पर्यटन को विकसित करने की संभावनाओं को देखते हुए अलग से इकाई गठन करने का निर्णय लिया है। बताते चले कि बिहार में ईको-टूरिज्म की शुरुआत राजगीर से हुई थी और अब राज्य के कई इलाकों में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में इन पर्यटक स्थलों पर नजर रखने के लिए ईको-पर्यटन संभाग विकसित किया जायेगा, जिसके लिए सरकार ने 224 पद सृजित करने की स्वीकृति दी है।
राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने विलुप्तप्राय वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संरक्षण एवं पर्यटकों के बीच जैव विविधता के संबंध में जागरूकता बढ़ाने हेतु नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय महत्व एवं ख्यातिप्राप्त ऐतिहासिक पर्यटक स्थल राजगीर जू सफारी जिसका निर्माण 191-12 हेक्टेयर में हुआ है। जहां पर्यटक सुरक्षित वन्य वाहन में बैठकर प्राकृतिक अधिवास में वितरण कर रहे वन्य जीवों को नजदीक से देखेंगे।
इस जू सफारी में मुख्यतः भालू, तेंदुआ, बाघ, शेर तथा शाकाहारी वन्यजीव सफारी होगा। साथ हीं टूरिज्म जोन में टिकट काउंटर, कंट्रोल रूम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, ऑडिटोरियम, ओरियेंटेशन जोन एवं अन्य प्रकार की सुविधाओं का निर्माण किया गया है। इसके साथ हीं जू सफारी में अधिवास कर रहे वन्य जीवों के स्वस्थ आहार प्रबंधन हेतु मैनेजमेंट जोन का निर्माण किया गया है, जिसके तहत अस्पताल, आहार गोदाम, क्वारेंटाइन सेंटर, पोस्टमार्टम रूम, प्रशासनिक भवन एवं ठोस कचरा प्रबंधन हेतु सुविधा का निर्माण किया जा सकेगा। इसके सफल संचालन के लिए मंत्रीपरिषद् की बैठक में 29 अतिरिक्त पदों का सृजन करने की स्वीकृति दी गयी है।
इसी प्रकार नेचर सफारी में ग्लास स्काई वॉक, सस्पेंशन ब्रिज, नेचर वॉक, नेचर कैंप, साइकिल ट्रैक, वॉल क्लाइंबिंग, जिपलाइन, जिपलाइन साइकिल आदि का निर्माण हुआ है। नेचर सफारी सुदूर वन क्षेत्र एवं राजगीर शहर से काफी दूर है और गया जिले से सटे जंगल क्षेत्र होने के कारण यह संवेदनशील स्थल है। पर्यटकों की सुरक्षा एवं सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उक्त क्षेत्र में नेचर सफारी पुलिस ओपी की स्थापना की गयी है।
साथ हीं पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी से मॉनिटरिंग एवं अन्य संचार सुविधाओं के माध्यम से नेचर सफारी के संचालन की व्यवस्था की गयी है। आगे भी इस क्षेत्र में और अधिक एडवेंचर सुविधाएं विकसित की जायेगी ताकि इस क्षेत्र को देश के शीघ्र ईको-टूरिज्म स्थल के रूप में स्थापित किया जाय। इसी सब को ध्यान में रखकर नेचर सफारी के स्थायी एवं सुचारू संचालन हेतु विभिन्न कोटि के 38 पदों के सृजन के साथ हीं विभिन्न कोटि के 35 वाहनों के क्रय की स्वीकृति मंत्रीमंडल ने दी है।