नई दिल्ली। राज्यसभा में आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने गुरुवार को ऑनलाइन हेट स्पीच के खिलाफ और पेड कंटेंट के बारे में जानकारी के प्रकटीकरण में सुधार के लिए कानून बनाने की मांग की। सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए, झा ने कहा कि हेट स्पीच के प्रसार के लिए ऑनलाइन क्षेत्र का काफी उपयोग हो रहा है। यहां तक कि नए चैनल भी टीआरपी केंद्रित समाचारों को जानबूझकर या आधिकारिक रूप से ज्ञात तथ्यों के विपरीत प्रसारित कर रहे हैं।
झा ने आगे कहा कि कानून का लक्ष्य घृणा फैलाने वाले भाषण के प्रसार और फर्जी समाचार के जानबूझकर प्रसारण का पता लगाना होना चाहिए। राजद के वरिष्ठ सांसद ने कहा कि कानून में राजनीतिक फायदे के लिए अभद्र भाषा फैलाने के उद्देश्य से पेड कंटेंट के बारे में जानकारी के प्रकटीकरण में सुधार के उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन के लिए हितधारकों के साथ चर्चा के बाद ही इस तरह के कानून को लाया जाना चाहिए।
बच्चों को हेट स्पीच और दुर्व्यवहार के जोखिमों के बारे में अवगत कराने की जरूरत
आरजेडी सांसद ने बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में इंटरनेट शिक्षा को शामिल करने और बच्चों को इंटरनेट की जिम्मेदारी से उपयोग और हेट स्पीच और दुर्व्यवहार के जोखिमों के बारे में अवगत की भी बात कही। घरेलू वायु प्रदूषण का मुद्दा भी सदन में उठा। 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए, एनसीपी सदस्य वंदना चव्हाण ने कहा कि घरेलू वायु प्रदूषण लगभग आधे मिलियन भारतीयों के मौत का कारण और यह बड़ी घातक बीमारियों का कारण भी है। उन्होने आगे कहा कि प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना इस दिशा में सही कदम है, जो खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देती है और इससे संबंधित बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करती है।