रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। रूपौली प्रखंड मुख्यालय स्थित शहीद धाम श्रद्धा सुमन अर्पित कर 25 अगस्त 1942 के आजादी के क्रांतिकारी दिवाने को याद किया गया। रुपौली के क्रांतिकारी धरती पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से निजात दिलाने के लिए हंसते हंसते अपने प्राणों की आहुति पांच जांबाज दिवानों ने दी थी। उन्हीं आजादी के दिवानों में बंगाली सुरैया, सुखदेव भगत, सूर्यनारायण मंडल, जागेश्वर साहनी और पांचू बैठा की स्मृति में सार्वजनिक रूप से निर्मित शहीद धाम पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बता दें कि २५ अगस्त १९४२ को स्वाधीनता संग्राम के दिवानों ने अपनी आजादी के लिए रूपौली थाना पर तिरंगा फहराने का जब दुस्साहस किया तो अंग्रेजी हुकूमत के सिपाहियों ने मना किया। जिससे रूपौली के स्वाधीनता संग्राम के क्रातिकारियों ने उग्र रूप अख्तियार कर रूपौली थाने को आग के हवाले करते हुए दारोगा समेत नौ अंग्रेजी सिपाहियों को जिंदा जला देने का काम किया।
अंग्रेजी पुलिसकर्मियों के द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई कार्यवाही में स्वतंत्रता संग्राम के पांच जवानों को गोलियों से भून डाला था। अपने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों में अमर शहीद सुकदेव भगत, पांचू बैठा, जागेश्वर सहनी, बंगाली सुरैया और सूर्य नारायण मंडल शामिल थे। “उनकी स्मृति में, अब उनकी यादें” शिलालेख पर स्वर्णाक्षरों में अंकित किया गया। शहीद धाम यहाँ के आमजन के लिए एक प्रेरणास्रोत बन कर खड़ा है।
शहीदों के याद में हुए पुष्पांजलि सभा में प्रखंड प्रमुख रेखा देवी प्रखंड विकास पदाधिकारी परशुराम सिंह, अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थानाध्यक्ष मनोज कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा धीरज कुमार, समाजसेवी कुंदन मंडल, अजय कुमार सिंह, प्रेम किशोर सिंह, जय नंदन कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।