जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रूस के साथ अपने रिश्तों को तोड़ने को लेकर अमेरिका व पश्चिमी देशों की तरफ से पड़ रहे दबाव के बीच भारत ने शुक्रवार को एक बार फिर अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह अपने हितों के हिसाब से ही फैसला करेगा। भारत की यात्रा पर आये रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अलग-अलग मुलाकात हुई जिसमें यूक्रेन के हालात के साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात हुई।
हाल के दिनों में भारत के दौरे पर आने वाले किसी विदेश मंत्री के साथ पहली बार मोदी ने मुलाकात की है। पीएम मोदी के साथ एनएसए अजीत डोभाल भी इस मुलाकात के दौरान उपस्थित थे। विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बताया गया कि रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें यूक्रेन की स्थिति और चल रही शांति वार्ताओं के बारे में जानकारी दी।
पीएम मोदी ने एक बार फिर से यूक्रेन-रूस के बीच ¨हसा को समाप्त करने की जरूरत बताई और शांति स्थापित करने के लिए भारत की तरफ से हरसंभव मदद देने की बात कही। लावरोव ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच दिसंबर, 2021 में हुई शिखर सम्मेलन में लिये गये फैसले के बारे में जानकारी दी।
बताते चलें कि पीएम मोदी ने पिछले दो हफ्तों के दौरान भारत के दौरे पर आये ब्रिटेन, ग्रीस, चीन, मैक्सिको व आस्टि्रया के विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं की थी। इनमें से कुछ देशों की तरफ से कई बार आग्रह आने के बावजूद पीएम मोदी मिलने का वक्त नहीं निकाल सके थे।
इस मुलाकात को उन देशों को दिए गए एक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है जो भारत पर दबाव बना रहे हैं कि यूक्रेन पर हमला करने के बारे में रूस के खिलाफ उनके प्रतिबंधों को लागू करने में भागीदार बने और रूस के साथ कूटनीतिक व आर्थिक संबंधों पर रोक लगाये।