प्रयागराज। रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कवच तकनीक को तेजी के साथ अब रेलवे अपना रहा है। और इस दिशा में उत्तर मध्य रेलवे ने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। देश के सभी 17 रेल जोन में से उत्तर मध्य रेलवे कवच प्रणाली लागू करने की दिशा में सबसे अग्रणी है। उत्तर मध्य रेलवे में कुल 2500 किलोमीटर कवच कार्य है स्वीकृत, जिसमें से 1300 किलोमीटर कवच कार्य की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है ।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा भारतीय रेलवे में कवच सुसज्जित वंदे भारत (22469/70 एवं 20171/172) कार सेट का कार्य पूरा कर इसका ट्रायल भी हो गया है।
उत्तर मध्य रेलवे रेल परिचालन को अधिक से अधिक संरक्षायुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है । इसी क्रम में उत्तर मध्य रेलवे अत्याधुनिक कवच प्रणाली लागू की जा रही है। भारतीय रेल में सिगनल प्रणाली को मजबूत बनाने के क्रम में कलर लाइट सिगनल प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, पैनल इंटरलॉकिंग, आटोमैटिक ब्लाक सिगनल प्रणाली जैसे अपग्रेडेशन के बाद अब अत्याधुनिक स्वदेशी प्रणाली से निर्मित कवच प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है। फरवरी 2012 में, काकोडकर समिति ने डिजिटल रेडियो आधारित सिगनलिंग प्रणाली स्थापित करने की अनुशंसा की और भारतीय रेलवे पर इस पर कार्य प्रारम्भ किया गया।