पटना

नीतीश में पीएम बनने की सारी योग्यता, फिलहाल दावेदारी नहीं


जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में 8 प्रस्तावों पर लगी मुहर

(आज समाचार सेवा)

पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने रविवार को पटना में आयोजित अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव लिया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। वैसे इस प्रस्ताव के साथ यह भी जोड़ा गया कि प्रधानमंत्री पद को लेकर हमारी कोई दावेदारी नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का नाम ही है, लेकिन नीतीश कुमार अपने अनुभव और काम के प्रति समर्पण के लिहाज से प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण रखते हैं। जदयू के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने यह प्रस्ताव रखा। इस पर सर्वसम्मति से मुहर लगी। राष्ट्रीय प्रवक्ता व उपाध्यक्ष केसी त्यागी ने बैठक में लिए गए प्रस्ताव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

राष्ट्रीय परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उनके संबोधन के क्रम में महाराष्ट्र से आए जदयू के एक प्रतिनिधि ने यह पूछा कि वह महाराष्ट्र में इस मामले को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी के हित में है। इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है। प्रधानमंत्री के समक्ष बिहार से गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने विस्तार से अपनी बात रखी है। निर्णय केंद्र को करना है। देश के सभी राज्यों में जातिगत जनगणना को समर्थन है।

जनसंख्या नियंत्रण पर भी प्रस्ताव लिया गया। इस प्रस्ताव में यह कहा गया कि बढ़ती हुई जनसंख्या विश्व के लिए चिंता का विषय है। जदयू जनसंख्या नियंत्रण का पक्षधर है, लेकिन केवल कानून बना दिए जाने और दंड लगाने से जनसंख्या नियंत्रण नहीं होगा। इसके लिए यह जरूरी है कि महिलाओं को शिक्षित किया जाए। महिला अगर इंटरमीडिएट, स्नातक (बीए) या फिर स्नातकोत्तर (एमए) पास होती है जनसंख्या नियंत्रण स्वत: प्रभावी तरीके से होता है। इस बारे में बिहार का अपना अनुभव भी है। आने वाले पांच वर्षों में बिहार की प्रजनन दर दो फीसद पर आ जाएगी।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह जोड़ा कि पार्टी का कहना है कि राजग में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर समन्वय समिति (कोआर्डिनेशन कमेटी) का गठन होना चाहिए। इससे काफी मामलों में सहूलियत होगी। राष्ट्र्रय परिषद की बैठक में मणिपुर और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लडऩे के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। जदयू उत्तर प्रदेश में राजग के घटक के रूप में चुनाव लडऩा चाहता है। अगर समझौता नहीं हुआ तो पार्टी अपने बूते चुनाव मैदान में जाएगी। मणिपुर में जदयू अपने बूते चुनाव लड़ेगा।

जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में पार्टी के नेता तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह समेत जदयू राष्ट्रीय परिषद के करीब ढाई सौ सदस्यों की उपस्थित के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं और वही एनडीए में पीएम पद के प्रत्याशी भी हैं। लिहाजा, नीतीश कुमार इस पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन, हमारा मानना है कि पीएम पद के लिए जिन योग्यताओं और जिस आला दर्जे के समर्पण तथा दक्षताओं की जरूरत होती है, वे सभी नीतीश कुमार में हैं। ललन सिंह के इस प्रस्ताव को जदयू राष्ट्रीय परिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया।

जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा और प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य की मौजूदगी में मीडिया को राष्ट्रीय परिषद के इस सर्वसम्मत प्रस्ताव की जानकारी दी। इस प्रस्ताव को पारित करने की जरूरत से जुड़े प्रश्न पर कहा कि यह सवाल बार-बार उठता है। तमाम संदेहों को दूर करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है। उन्होंने बताया कि ललन सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर भी राष्ट्रीय परिषद ने मुहर लगाई। इसके साथ ही ललन सिंह अब विधिवत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

बैठक में कुल नौ प्रस्ताव पारित किये गये। त्यागी ने बताया कि जदयू इन अफवाहों का खंडन करता है कि जातीय जनगणना से अतिपिछड़ों की गोलबंदी होगी और यह अपर कास्ट के खिलाफ है। जातीय जनगणना सभी के पक्ष में है, खासतौर से गरीब सवर्णों के भी इससे वास्तविक आंकड़े मिलेंगे। इसे केवल जदयू-भाजपा करके नहीं देखना चाहिए, देशभर की तमाम पार्टियां इसके पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में इस विषय को सुना। एक बार भी उन्होंने इस मांग को खारिज नहीं किया। जदयू राष्ट्रीय परिषद ने मुख्यमंत्री के इस पहल की सराहना की।

जदयू के प्रधान महासचिव ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्तर पर और बिहार के स्तर पर भी को-आर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए। इससे अनर्गल बयानों पर रोक लगेगी और किसी भी मसले को सुझलाया जा सकेगा।