शिमला। महिलाएं पुरुषों से कमतर या कमजोर होती है, ऐसा कुछ लोग सोचते है। लेकिन आज कल की महिला आसमान में फाइटर जेट तक उड़ा रही हैं, जो उन लोगों की सोच को गलत साबिक करते हुए आज बेटियों के लिए हिम्मत और हौसले की मिसाल बन गई है। ऐसी ही एक महिला के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है, जो शिमला-चंडीगढ़ इंटर स्टेट रूट पर बस चलाकर एसआरटीसी की पहली महिला बस चालक बना गई है।
पिता को गुरु मानकर सीखी ड्राइविंग
हिमाचल प्रदेश की रहने वाली सीमा ठाकुर ने इंटर स्टेट रूट पर बस चलाकर एक नया इतिहास रच है। 31 वर्षीय सीमा सोलन जिले के अर्की की रहने वाली हैं। सीमा ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पिता एक बस ड्राइवर थे। जब वो चौथी कक्षा में पढ़ती थीं तो उनके पिता ने बस का स्टीयरिंग उन्हें छूने को कहा। बस ये प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगा। पिता को गुरु मान उनसे ड्राइविंग के गुरु सीखने लगी।
शिमला-चंडीगढ़ रूट पर चलाई बस
सीमा ने बुधवार को चंडीगढ़ रूट पर 37 सीटर बस चलाई। वे प्रदेश की पहली ऐसी महिला ड्राइवर बन गई हैं, जिन्होंने इंटर स्टेट के रूट पर बस चलाई है। सीमा ठाकुर अभी तक शिमला-सोलन के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिकल बस चलाती रही हैं। ऐसे में अब उन्हें इंटर स्टेट यानि चंडीगढ़ रूट पर भी बस चलाने का मौका दिया गया है। इन्होंने सुबह शिमला से सुबह 7:55 पर चंडीगढ़ रूट के लिए बस चलाई। यह बस करीब 12.15 बजे चंडीगढ़ पहुंची। उसके बाद 12:30 बजे चंडीगढ़ से शिमला के लिए रवाना हुई।
अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएट हैं सीमा
खबरों के मुताबिक, सीमा ने शिमला के कोटशेरा कॉलेज ने बीए और एचपीयू शिमला से एमए अंग्रेजी की है। इनके पिता बलिराम भी एचआरटीसी में चालक थे। उन्हीं की प्रेरणा से सीमा ने फैसला किया था कि वो भी सरकारी बस चलाएगी। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सीमा काफी भावुक हो गई। उन्होंने कहा, ‘आज जो कुछ भी हैं वो अपने माता-पिता की वजह से हैं।’ उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं, वो भी बस चालक थे।