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नेशनल डेस्क: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के मुद्दे पर भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी जो अब फिर से शुरू हो गई है। विपक्ष के हंगामे के बीच ही कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 को लोकसभा में पेश किया गया और फिर इसे पास किया गया। विपक्ष कृषि कानून बिल की वापसी पर चर्चा करना चाहता था। बता दें कि सत्र के लिए सरकार तथा विपक्ष ने अपनी-अपनी रणनीति बना ली है और भले ही सरकार ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर विपक्ष को मुद्दों से निहत्था करने का ब्रह्मास्त्र चला दिया हो लेकिन विपक्ष के तीखे तेवरों को देखते हुए उसके लिए संसद सत्र को सुचारू ढंग से चलाना आसान नहीं होगा। आज से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा और इस दौरान 20 बैठकें होंगी।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसान, कृषि, MSP को कानूनी रूप देने, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमत, बेरोजगारी, पेगासस, कोरोना, त्रिपुरा हिंसा और BSF के क्षेत्राधिकार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें। विपक्ष ने जोर देकर कहा है कि वह सरकार से उपरोक्त मुद्दों सहित हर ज्वलंत विषय पर सवाल पूछेगा और उसकी विफलताओं को देश के सामने रखेगा। भले ही विपक्ष लामबंद न दिखाई दे रहा हो लेकिन विभिन्न राजनीतिक दल अपने अपने मुद्दों को लेकर कड़े तेवर अपना रहे हैं और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले वे अपनी अपनी बात को देश की सर्वोच्च संस्था में उठाने का मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। सरकार भी विपक्ष के हमलों को नाकाम कर अधिक से अधिक विधायी कामकाज निपटाने की व्यापक रणनीति बनाने में जुटी है।